विकीलीक्स से पैराडाइज पेपर तक, दस्तावेजों के वो खुलासे जिनसे दुनिया हिल गई

Anusha MishraAnusha Mishra   6 Nov 2017 3:45 PM GMT

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विकीलीक्स से पैराडाइज पेपर तक, दस्तावेजों के वो खुलासे जिनसे दुनिया हिल गईपेपर्स लीक

पनामा पेपर्स के बाद अब पैराडाइज पेपर्स का मामला सुर्खियों में है। पैराडाइज पेपर मामले में टैक्स चोरी कर विदेश में काला धन छुपाने के मामले से जुड़ी फाइलें सामने आई हैं। जिनमें कई नामचीन हस्तियों के नाम शामिल हैं।

ये खुलासा अमेरिका के इंटरनेशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) पैराडाइज पेपर्स में किया गया है। ध्यान देने वाली बात यह कि आईसीआईजे ने ही पिछले साल पनामा पेपर्स के जरिए कई अहम खुलासे किए थे। पैराडाइज पेपर्स लीक से एक बार फिर हड़कंप मच गया है। इससे पहले भी कुछ ऐसे पेपर्स लीक हुए हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को हिला दिया।

विकीलीक्स मामला

विकीलीक्स 2006 से विवादों में है लेकिन इसने दुनिया में सनसनी तब फैला दी थी जब 2007 में अमेरिकी सेना के ग्वांतानामो जेल में यातना शिविर होने का संकेत देने वाले दस्तावेज़ जारी किए थे। इससे पहले अमेरिका की सेना इस बात को नकारती रही थी लेकिन विकीलीक्स ने जब इससे जुड़े दस्तावेज ज़ारी कर दिए तो अमेरिकी सेना के पास जवाब देने लिए कुछ नहीं था। विकीलीक्स एक ऐसी वेबसाइट है जहां उन सूचनाओं का ज़िक्र होता है जो आम लोगों की जानकारी में नहीं होतीं। इसके बाद जुलाई 2010 में विकीलीक्‍स ने 'अफगान वॉर डायरी' शीर्षक के साथ 76,900 दस्तावेज जारी किए। इन दस्तावेजों में ऐसी जानकारी दी गई थीं जो अफगान युद्ध से जुड़ी थीं और जिनके बारे में कभी भी नहीं सुना गया था।

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साल 2011 में विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे ने भारत में काला धन रखने वाले लोगों की लिस्‍ट को जारी कर दी थी। जिसके बाद भारत में विकीलीक्स को लेकर काफी चर्चा हुई और पूरे देश में हड़कंप मच गया। सितंबर 2011 में विकीलीक्‍स ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती प्राइवेट जेट भेजकर अपने लिए मुंबई से सैंडल मंगावाती हैं। यही नहीं, मायावती ने खाना चखने के लिए भी लोगों का रखा है। वह जब तक वे यह चेक नहीं कर लेते हैं कि खाने में जहर तो नहीं तब तब मायावती खाना नहीं खाती हैं। मायावती ने इन आरोपों को झूठा और असांजे को पागल करार दिया था। 27 फरवरी, 2012 को एक बार फिर असांजे ने एक न्‍यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि स्विटजरलैंड में सबसे ज्‍यादा काला धन भारत से आता है।

जब एडवर्ड स्नोडन ने अपने खुलासे से मचाया था बवाल

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए में तकनीकी सहायक के रूप में काम कर चुके एडवर्ड स्नोडेन साल 2013 में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की जानकारी सामने लाए थे। उन्होंने कहा था कि ओसामा की मौत की ख़बर झूठी है और ओसावा व उसके परिवार गुप्त तरीके से बहामास पहुंचा दिया गया है। इसके बाद उन्होंने दावा किया कि अमेरिका और ब्रिटेन के जासूसों ने एक हैकिंग ऑपरेशन में 1988 में इजरायली वायुसेना के संचार और गुप्त उड़ानों की निगरानी की थी। ऑपरेशन का कोड भी गुप्त रखा गया था। उनके इस खुलासे के बाद अमेरिका इज़रायल संबंधों में दरार आ गई थी।

उन्होंने एक और खुलासा किया था कि किस तरह आतंकवाद से लड़ाई के नाम पर अमेरिका लोगों की निजी जिंदगी में तांक-झांक कर रहा है और लोगों की निजता के अधिकार का हनन कर रहा है। अमेरिका से जुड़ी ये ख़बरें उस वक्त पूरी दुनिया में सुर्खियां बनी थीं।

पनामा पेपर्स लीक

इंटरनेशनल कन्सॉर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) नाम के एनजीओ ने पनामा पेपर्स के नाम से यह बड़ा खुलासा किया था। पनामा उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका को ज़मीन के रास्ते से जोड़ने वाला एक देश है। यहां की एक क़ानूनी फर्म मोसेक फोंसेका के सर्वर को 2013 में हैक करने के बाद यह खुलासा किया गया था। मोसेक फोंसेका एक लॉ कंपनी है। यह पैसे का मैनेजमेंट करने का काम करती है व सुरक्षित रूप से पैसा ठिकाने लगाने में मदद करती है। साथ ही यह फर्जी कंपनी खोलकर उनके कागज़ों का हिसाब रखती है। 70 देशों के 370 रिपोर्टरों ने इनकी जांच की है और यह जांच करीब 8 महीने तक की गई। दुनियाभर के 190 खोजी पत्रकार इस समूह से जुड़े हैं। इसमें 76 देशों के 109 मीडिया संस्थान शामिल रहे। 1 करोड़ 10 लाख दस्तावेज़ों का इस मामले में खुलासा किया गया था। 100 मीडिया ग्रुप्स के पत्रकारों को दस्तावेज दिखाए गए।

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इन दस्तावेजों में बातया गया था कि कैसे पैसे वाले लोग ऐसी जगह अपना पैसा लगाते हैं जहां टैक्स का कोई चक्कर ही नहीं होता। इन देशों को टैक्स चोरी का स्वर्ग कहा जाता है। इन दस्तावेजों में इन दस्तावेजों में नवाज शरीफ, रूस के प्रधानमंत्री ब्लामिदीर पुतिन, पाकिस्तान की दिवगंत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो सहित भारत के 500 लोगों के नाम भी शामिल थे, जिनमें अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी जैसे दिग्गजों का भी नाम था। यही नहीं 143 राजनेताओं का नाम था जिनमें से 12 अपने - अपने देश के राष्ट्राध्यक्ष थे। उनके परिवार व नजदीकी लोग इससे जुड़े हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स में नाम होने के कारण पद से हटा दिया गया था।

पैराडाइज पेपर्स लीक

'पैराडाइज पेपर्स' में 1.34 करोड़ दस्तावेज शामिल हैं। इनमें से ज़्यादातर ‘एप्पलबी’ नाम की एक लॉ-फर्म से हैं। इस खुलासे के जरिये उन फर्मों और फर्जी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया भर में अमीर और ताकतवर लोगों का पैसा विदेशों में भेजने में उनकी मदद करते हैं। पैराडाइज पेपर्स लीक में पनामा की तरह ही कई भारतीय राजनेताओं, अभिनेताओं और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं। आईसीआईजे के भारतीय सहयोगी मीडिया संस्थान इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस लिस्ट में कुल अमिताभ बच्चन, नीरा राडिया, नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा, भाजपा से राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, विजय माल्या सहित 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं साथ ही लिस्ट के मुताबिक भारत 19वें स्थान पर है।

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