भारत में तीन पक्षीय सुधार के लिए आईएमएफ ने दिए सुझाव

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   14 Oct 2017 1:31 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
भारत में तीन पक्षीय सुधार के लिए आईएमएफ ने दिए सुझावअंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष।

वाशिंगटन (भाषा)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के लिए त्रिपक्षीय ढांचागत सुधार दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया है। इसमें कारपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र को कमजोर हालत से बाहर निकालना, राजस्व संबंधी कदमों के माध्यम से वित्तीय एकीकरण को जारी रखना और श्रम एवं उत्पाद बाजार की क्षमता को बेहतर करने के सुधार शामिल हैं।

आईएमएफ में एशिया प्रशांत विभाग के उप निदेशक केनेथ कांग ने कहा कि एशिया का परिदृश्य अच्छा है और यह मुश्किल सुधारों के साथ भारत को आगे ले जाने का महत्वपूर्ण अवसर है। कांग ने यहां एक प्रेसवार्ता में संवाददाताओं से कहा, ढांचागत सुधारों के मामले में तीन नीतियों को प्राथमिकता देनी चाहिए। पहली प्राथमिकता कारपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र की हालत को बेहतर करना है. इसके लिए गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के समाधान को बढाना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी आधिक्य का पुनर्निर्माण और बैंकों की ऋण वसूली प्रणाली को बेहतर बनाना होगा।

दूसरी प्राथमिकता भारत को राजस्व संबंधी कदम उठाकर अपने राजकोषीय एकीकरण की प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए। साथ ही सब्सिडी के बोझ को भी कम करना चाहिए। कांग के अनुसार , तीसरी प्राथमिकता बुनियादी ढांचा अंतर को पाटने के लिए ढांचागत सुधारों की गति बनाए रखना और श्रम एवं उत्पाद बाजार की क्षमता का विस्तार होना चाहिए। साथ ही कृषि सुधारों को भी आगे बढ़ाना चाहिए।

दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

श्रम बाजार सुधारों पर एक प्रश्न के उत्तर में कांग ने कहा कि निवेश और रोजगार की खातिर अधिक अनुकूल माहौल बनाने के लिए बाजार नियमनों में सुधार किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों की संख्या घटाई जानी चाहिए जो अभी केंद्र और राज्य के स्तर पर कुल मिलाकर करीब 250 हैं। उनके अनुसार, भारत को इसके साथ ही लिंगभेद को खत्म करने भी ध्यान देना चाहिए ताकि देश में महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिल सकें।

                     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.