जीएसटी, नोटबंदी का वांछित प्रभाव पड़ा : जेटली 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   8 Oct 2017 12:11 PM GMT

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जीएसटी, नोटबंदी का वांछित प्रभाव पड़ा  : जेटली अरूण जेटली।

वाशिंगटन (भाषा)। नरेंद्र मोदी सरकार की स्वच्छ भारत, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा नोटबंदी जैसी पहलों का वांछित प्रभाव पड़ा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बर्कले इंडिया कान्फ्रेंस को कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए यह बात कही। जेटली ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों ने अर्थव्यवस्था में कर अनुपालन बढ़ाने और नकदी को कम करने में भूमिका निभाई है। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य स्तर पर सरकार द्वारा किए गए सुधारों को जनता का समर्थन मिला है।

उन्होंने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि भारत एक बार फिर अपनी वृद्धि दर हासिल कर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि न केवल हमें बड़ी आबादी की जरुरतों को पूरा करना है, बल्कि एक बड़ी युवा आबादी की जरुरतों को भी पूरा करना है।

केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली कल एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर पहुंचेंगे। वह न्यूयॉर्क और बोस्टन में अमेरिकी कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों के साथ परिचर्चा करेंगे और वाशिंगटन डीसी में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेंगे।

जेटली ने कहा कि युवा आबादी के साथ यह अवधारणा भी बन रही है कि उनकी जरुरतों को पूरा नहीं किया जा पा रहा। इसके साथ ही यह बात भी है कि वे अब अधिक से धिक आकांक्षी हो रहे हैं. इसलिए हमारे पास इसके लिए अधिक समय नहीं है।

वित्त मंत्री ने कहा कि यदि अगले एक-दो दशक में भारत को उच्च आर्थिक समूह वाले देशों में शामिल होने की चुनौती पूरी करनी है, तो हमें अधिक तेज रफ्तार से बढ़ना होगा। जेटली ने सवाल के जवाब में इस धारणा को खारिज कर दिया कि स्वच्छ भारत, जीएसटी और नोटबंदी जैसी बदलाव वाली पहलों के जमीनी स्तर पर नतीजे नहीं मिले हैं।

जेटली ने पूछा, क्या आप कहेंगे कि इसके दीर्घावधि के लाभ हैं और देश को उनके लिए इंतजार करना चाहिए? या फिर देश के समक्ष आ रही समस्याओं से निपटने का कोई और तरीका है। उन्होंने दलील दी कि यदि हम अधिक गंभीरता से विश्लेषण करेंगे तो पाएंगे कि कुछ माह के समय में इन सभी चीजों के लघु अवधि के सकारात्मक नतीजे आए हैं।

जेटली ने कहा कि जहां नोटबंदी और जीएसटी से कर अनुपालन और अर्थव्यवस्था में नकदी को कम करने का वांछित प्रभाव मिला है, वहीं पहली बार स्वच्छ भारत अभियान से साफ सफाई और स्वच्छता का महत्व अब लोगों को पता लगने लगा है।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी से पहले भारत में यह माना जाता था कि आप उच्च नकदी वाली अर्थव्यवस्था में रह रहे हैं, कर नहीं दे रहे हैं। आप अपने कारोबार में खातों के दो सेट रखते हैं। जेटली ने सवाल किया कि कैसे एक देश जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और जो विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था बनने का आकांक्षी है, वहां इस तरह की चीजों को सामान्य क्यों मान लिया जाना चाहिए।

जेटली ने कहा कि ऐसे में आपको प्रणाली में बदलाव करना जरूरी है जिससे देश में नकदी कम की जा सके और एक अधिक अनुपालन वाला समाज बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि नकदी कई तरह की चुनौतियां पैदा करती है। इससे भ्रष्टाचार और अन्य समस्याएं पैदा होती हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के तत्काल बाद जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों में भारी कमी आई।

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जेटली ने कहा कि अभी भी आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन उस समय आप देखते थे कि 5,000 -10,000 पत्थरबाजों को आतंकवादी संगठनों द्वारा पैसा दिया जाता था। पिछले 8-10 महीनों में ऐसा क्यों नहीं हो रहा। जीएसटी पर जेटली ने कहा कि इससे एक राष्ट्रीय कर ढांचा बनाने में मदद मिली है. तीन महीनों में राज्यों में सभी माल जांचने की चौकियां गायब हो गई हैं, देशभर में वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही सुगमता से हो रही है।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद को कुछ चुनौतियां का पता चला है, इन्हें हल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी को सुगमता से लागू किया गया है हालांकि, इसमें सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से भारत कारोबार करने के लिए मुश्किल स्थान रहा है, लेकिन स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार दो प्रमुख बाधाओं में से है, हालांकि भ्रष्टाचार से लड़ने की संस्थागत व्यवस्था मजबूत हुई है।

                   

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