दूसरों के साथ संवारें अपना भविष्य
गाँव कनेक्शन 27 April 2016 5:30 AM GMT
अगर आप समाज और समाज में रहने वाले लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं तो सोशल वर्कर बन समाज के साथ ही साथ अपना भविष्य भी चमका सकते हैं। यह क्षेत्र उन लोगों के लिए है, जो वाकई गरीब, वृद्ध, बच्चों, महिलाओं और वंचित लोगों का भला करना चाहते हैं। इसके लिए स्लम, ग्रामीण इलाकों के अलावा देश के अंदरूनी हिस्सों में भी काम कर सकते हैं। इसके लिए आप में समाज कल्याण की भावनाओं के साथ संवेदनशील होना भी बहुत जरूरी है।
करियर काउंसलर नम्रता सिंह बताती हैं “समाज कार्य के क्षेत्रों में न केवल गैर सरकारी संगठन सक्रिय हुए हैं, बल्कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े कारपोरेट हाउस भी स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण कार्य में धमाकेदार प्रवेश कर रहे हैं। ऐसी ढेर सारी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां हैं, जो बहुत बड़ी तदाद में सामाजिक कार्य कर रहे हैं। विकास की इस तेज रफ्तार के साथ प्रोफेशनल समाज कार्य एक ऐसे क्षेत्र के रूप में उभरा है, जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
शैक्षणिक योग्यता
डॉ. नम्रता सिंह बताती हैं, “सोशल वर्क में करियर बनाने के लिए कम से कम शैक्षणिक योग्यता सोशल वर्क में मास्टर डिग्री होनी चाहिए, जो कि दो साल का कोर्स है। जिसको किसी भी विषय में ग्रेजुएट छात्र कर सकता है। परंतु सोशियोलॉजी बैकग्राउंड से संबंधित छात्र को प्राथमिकता मिल सकती है। भारत में कई सरकारी और निजी संस्थानों द्वारा सोशल वर्क में कोर्स करवाए जाते हैं।”
वेतनमान
डॉ. नम्रता सिंह बताती हैं “इस क्षेत्र में एक प्रोफेशनल सोशल वर्कर का वेतनमान उसकी नौकरी, शैक्षणिक योग्यता और अनुभव पर निर्भर करता है। जो लोग सरकारी कम्युनिटी डिवेलपमेंटल प्रोजेक्ट्स में नौकरी करते हैं, वे 8000 रुपए से 10000 रुपए प्रतिमाह कमा लेते हैं। जो लोग एनजीओ से जुड़े हुए हैं, उनको भी लगभग इतना ही वेतनमान प्राप्त होता है। अंतरराष्ट्रीय एनजीओ में वेतनमान ऊंचाइयां छूता है। जिन लोगों ने अपने एनजीओ खोले हैं, वे भी मोटी कमाई कर लेते हैं।”
कोर्स
- बैचलर डिग्री इन सोशल वर्क
- सर्टिफिकेट कोर्स इन सोशल वर्क
- डाक्टर आफ फिलॉसफी इन सोशल वर्क
- मास्टर आफ लेबर वेलफेयर
- मास्टर आफ फिलॉसफी इन सोशल वर्क
- मास्टर आफ सोशल वर्क
- पोस्ट ग्रेजुएशन इन सोशल वर्क
- एमफिल इन सोशल वर्क
- पीएचडी इन सोशल वर्क
- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सोशल वर्क
- डिप्लोमा इन सोशल वर्क
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