एक ज़िले की पुलिस के दो चेहरे
गाँव कनेक्शन 5 April 2016 5:30 AM GMT

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में पुलिस के दो चेहरे उजागर हुए। नाका पुलिस का कारनामा जहां पुलिस विभाग के लिये शर्मनाक है वहीं हजरतगंज पुलिस के कारनामे से पुलिस विभाग गर्व महसूस कर रहा है।
केस-1
रविवार की देर रात को नाका थानाक्षेत्र के जीआरपी लाइन के सामने दुर्गापुरी मेट्रो स्टेशन के पास सड़क किनारे एक 28 वर्षीय युवक का शव पड़ा हुआ था। शव को देख कर लग रहा था उसकी बेरहमी से पिटाई के बाद मुंह कूचकर हत्या की गई हो। दुकानदार सलीम ने बताया कि शव कई घंटे तक वहीं पड़ा रहा। इसकी सूचना जब समाजवादी एम्बुलेंस सेवा को दी गई तो एम्बुलेंस ड्राइवर ने बताया उसकी गाड़ी पंचर हो गई है वह नहीं आ सकता कोई दूसरी गाड़ी को फोन कीजिये। इस दौरान सड़क पर भयंकर जाम लग गया। शव पड़ा होने की सूचना जब पुलिस को दी गई तो नाका पुलिस मौके पर घंटों बाद पहुंची। आनन-फानन में उन्होंने शव की तलाशी लिये बगैर आस-पास के लोगों से जबरन नियम विरुद्ध तरीके से शव को क्रूरता पूर्वक टेम्पो में लदवाया और ट्रॉमा सेंटर ले गए जहां से शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
केस-2
हजरतगंज थानाक्षेत्र के लालबाग चौराहे पर एक देर रात एक बुजुर्ग महिला भटकती हुई मिली। पुलिस ने जब उससे घर का पता पूछा तो कुछ भी नहीं बता पा रही थी। वह केवल आहूजा के यहां जाने को बता पा रही थी। पुलिस ने जब उसके घरवालों को ढूंढने का प्रयास किया लेकिन कुछ भी पता न चल सका। इस दौरान कोतवाली में तैनात सिपाही कृष्ण्कांत ने अपने चारबाग में रहने वाले दोस्त मोनू से सम्पर्क कर पूरा घटना क्रम बताया। दोस्त ने क्षेत्र में बात फैलाई और महिला के घर वालों को ढूंढ निकाला। पुलिस ने 77 वर्षीय बुजुर्ग कमला आहूजा को इस दौरान मां की तरह प्यार दिया। वह जो भी कहती महिला कांस्टेबल सुस्मिता यादव, नटवर सिंह चाहार अपनी टीम के साथ दादी को खाना, पानी, खीरा खिलाते रहे। सूचना पाकर मौके पर चारबाग में रहने वाले कमला के पौत्र योगेश आहूजा और हर्ष आहूजा पहुंचे इसके बाद पुलिस ने लिखा पढ़ी के बाद महिला को उनके घरवालों के सुपुर्द कर दिया। योगेश ने बताया उनकी दादी की दिमागी हालत ठीक नहीं है इसके चलते वह कई बार घर से गायब हो चुकी हैं।
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