एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन से फसल को बचाएं

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एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन से फसल को बचाएंगाँव कनेक्शन

लखनऊ। पिछले कुछ वर्षों में अरहर की फसल को फली वेधक कीट से काफी नुकसान हुआ है, ऐसे में एकीकृत नाशीजीवी प्रबंधन से फसल को बचाया जा सकता है। कई महत्वपूर्ण शोधों पर उपकार में देश भर से आए कृषि वैज्ञानिकों ने चर्चा की।

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रदेश के विभिन्न संस्थानों,विश्वविद्यालयों में कार्यान्वित कराई जा रही परियोजनाओं का एक साथ मूल्यांकन/समीक्षा किये जाने के लिए परिषद स्तर पर वार्षिक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

‘उपकार प्रोजेक्ट्स एनुअल रिव्यू-कम-वर्क शॉप’ विषय कार्यशाला की शुरूआत में सैम हिग्गिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेश मार्कर ने ऊष्मा सहनशील गेहूं की नयी प्रजाति के बारे में बताया। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं तकनीकि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. देवी सिंह और डॉ. अनिल सिरोही ने प्रदेश में कृषि पारिस्थितिकी स्थिति के लिए संकर चावल के विकास के बारे में चर्चा की गयी।

कार्यशाला में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक प्रो. राजेन्द्र ने बताया, “कार्यशाला से देश-प्रदेश में कृषि क्षेत्र में हो रहे नए शोध के बारे में चर्चा की जा रही है कि अगर उसमें कुछ कमी रह गयी है तो कृषि विशेषज्ञों के सुझाव से उसे पूरा किया जा सके।”

कार्यशाला में फसल वृद्धि, फसल सुरक्षा, फसल से आमदनी, बागवानी, रेशम पालन और कृषि विस्तार एवं खाद्य और पोषण विषय पर वैज्ञानिकों ने अपने शोध प्रस्तुत किया।सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं तकनीकि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. देवी सिंह अपने शोध के बारे में बताते हैं, “जिस तरह से किसान पानी की कमी से जूझ रहे हैं, चावल की नयी संकर किस्म कम पानी में ज्यादा पैदावार दे सकेगी। मेरे शोध में मेरे साथी डॉ. अनिल सिरोही का भी पूरा योगदान है।”

वैज्ञानिकों के शोध पर देश के ख्याति प्राप्त वरिष्ठ वैज्ञानिकों डा. पीके गुप्ता, विशिष्ट वैज्ञानिक, डा. एमपी यादव, पूर्व कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय, मेरठ, डा. आरपी सिंह, पूर्व कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय, उदयपुर, डा. एमपी सिंह, पूर्व कुलपति, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल, डा. आरएम सिंह, विशिष्ट वैज्ञानिक, डा. डीसी कुलश्रेष्ठ, पूर्व कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर, डा. कुसमाकर शर्मा, पूर्व सहायक महानिदेशक, आईसीएआर द्वारा किया गया।

 

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