एनबीआरआई कर रहा पारिजात का संरक्षण

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
एनबीआरआई कर रहा पारिजात का संरक्षणgaonconnection

लखनऊ। ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व रखने वाले पारिजात के वृक्ष का क्षय हो रहा है। राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, उत्तर प्रदेश वन विभाग के साथ मिलकर इसका पुनरुद्धार करेगा।

बाराबंकी जिले के बरौलिया गाँव में एक प्राचीन वृक्ष स्थित है जो ‘पारिजात’ के नाम से प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि यह वृक्ष महाभारत कालीन है। पिछले कई वर्षों से आयु के साथ-साथ मानवीय गतिविधियों एवं अन्य पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रभाव के चलते इस वृक्ष का क्षय हो रहा था। 

इस संबंध में उत्तर प्रदेश के वन विभाग द्वारा वृक्ष के पुनरुद्धार एवं उपचार के लिए राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) से संपर्क किया गया। संस्थान द्वारा वृक्ष के पुनरुद्धार एवं उपचार के लिए गंभीर प्रयास किए गए ताकि यह वृक्ष प्राकृतिक रूप से फलफूल सके।

निरीक्षण, नमूनों के एकत्रीकरण एवं विश्लेषण के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट बनाई गई है, जिसमें वन विभाग को इस प्राचीन धार्मिक वृक्ष के पुनरुद्धार एवं उपचार से संबन्धित अनुशंसाएं प्रस्तुत की गईं। संस्थान द्वारा विकसित बेसिलस (सूक्ष्मजीव आधारित) जैव-इनोकुलेंट इस वृक्ष के उपचार में काफी प्रभावी साबित हुये हैं।

इस रिपोर्ट को बुधवार को डॉ. डीके उप्रेती, कार्यकारी निदेशक, सीएसआईआर-एनबीआरआई ने वन विभाग, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को सौंपा।

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.