#स्वयं फेस्टिवल : नो शौचालय, नो शादी
Rishi Mishra 4 Dec 2016 4:48 PM GMT

दरख्शां कदीर सिद्दीकी
रायबरेली। शौचालय नही तो शादी नही। अगर हर लड़की उस घर में शादी करने से मना कर दे जिस घर में शौचालय न हो तो न जाने कितने गांव को शौचालय मुक्त बनाया जा सकता है। अपनी बीमारियों पर शर्माना और हिचकिचाना गम्भीर बीमारियों को बढ़ावा देना है। गाँव कनेक्शन स्वयं फेस्टीवल कार्यक्रम में कुछ आप बीती और कुछ अखबार के उदाहरण देकर बरखापुर गाँव की महिलाओं को शौच मुक्त गांव को पाठ पढ़ाया रायबरेली स्वास्थ्य विभाग में तैनात बीपीएम आरती सिंह ने। उन्होने लड़कियों को बताया नो शौचालय नो शादी।
बीपीएम आरती सिंह ने अपना उदाहरण देकर बताया जब हमारी शादी हुयी थी तो जब हमने पहली बार खाना बनाया तो हमारें ससुर ने पूछा बताओं तुमको क्या चाहिए हमने पापा से कहा शौचालय में पर्दा हटवा कर दरवाजा लगवा दीजिए और कुछ दिन बाद ही घर के शौचालय में दरवाजा लग गया। महिलाए सब कुछ कर सकती है बस जरूरत है तो आवाज़ उठाने की। आवाज़ उठाओं गांव को शौचालय मुक्त बनाओं। जब घर में लड़का आए देखने और उसके घर वाले दहेज की डिमान्ड करें तो फोरन पूछ लो दहेज तो मांग रहें हो यह बताओं घर में शौचालय है। जिस घर में शौचालय न हो उस घर में शादी के लिए साफ मना कर दो। इसी तरह छोटी छोटी बीमारी को छुपाना भी एक गम्भीर बिमारी को बढ़ावा देना है। शर्म और हिचक से किसी बीमारी का जिक्र न करने से समस्या गम्भीर हो सकती है। चुप्पी तोड़ो सेहतमंद रहों।
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