स्वयं प्रोजेक्ट के तहत गरीब बच्चों के लिए लगाया गया डेंटल कैंप

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
स्वयं प्रोजेक्ट के तहत गरीब बच्चों के लिए लगाया गया डेंटल कैंपगाँव कनेक्शन स्वयं प्रोजेक्ट के तहत नि:शुल्क दन्त परीक्षण शिविर में बच्चों का चेकअप करती डॉक्टरों की टीम।

अश्वनी द्विवेदी, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। जिला मुख्यालय से 16 किमी दूर स्थित मड़ियांव क्षेत्र के नौबस्ता गाँव में सोमवार को गाँव कनेक्शन स्वयं प्रोजेक्ट के तहत गरीब बच्चों के लिए साईं राम पब्लिक स्कूल में दन्त परिक्षण शिविर लगाया गया। शिविर में केजीएमयू की दन्त चिकित्सक डॉ. शालिनी चन्द्रा ने अपनी सहयोगी डॉ. अमरीन जहां, अनन्या भटटाचार्य, डॉ. अनुराधा, डॉ. सुब्रा ज्योति के साथ 253 गरीब बच्चों का नि:शुल्क दन्त परिक्षण किया।

डॉ. शालिनी और उनकी टीम द्वारा परिक्षण के दौरान अधिकांश बच्चों में दांतों की बीमारियां सामने आयीं। सचिन (6 वर्ष) के दाँतों में स्टेन जमा हुआ था और दो दांत में कीड़े लगे हुए थे। वहीं नंदिनी (12 वर्ष) के दांतों में कीड़ा लगा हुआ था और किसी झोलाछाप डॉक्टर ने कीड़े का इलाज करने के बजाय दांत ही निकाल दिया। डॉ. शालिनी ने बताया कि दांत निकाल देना समस्या का समाधान नहीं है। इस लड़की की उम्र अभी बहुत कम है और दांत निकाल देने के कारण इसे हमेशा समस्या रहेगी। इसे फिलिंग के जरिये सही किया जा सकता था।

पिछड़े इलाकों के बच्चों में दांतों की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। केजीएमयू की डॉक्टर शालिनी गुप्ता का कहना है, “स्लम और पिछड़े क्षेत्रों में काम करने के दौरान मैंने पाया कि इन जगहों पर 10 में से औसतन छह बच्चे दांत की बीमारी से ग्रसित हैं।”

बच्चों को सिखाया ब्रश करने का तरीका

डॉ. शालिनी ने जब बच्चों से ब्रश करने का तरीका पूछा तो 253 बच्चों में बहुत कम बच्चे ही ब्रश करने का सही तरीका बता पाये। शालिनी ने बच्चों को बताया कि ब्रश करते समय ऊपर के दांतों को ऊपर से नीचे की तरफ और नीचे के दांतों को नीचे से ऊपर की तरफ करते हुए हल्के हाथ से धीरे-धीरे साफ करना चाहिए। मो. एजाज (7 वर्ष) ने बताया कि हम ब्रश कम ही करते हैं। कोई घर में हमें ब्रश करने को नहीं कहता। बहुत से बच्चे ऐसे भी हैं जो सिर्फ सुबह ब्रश करते हैं। श्रष्टी मिश्र (7 वर्ष) ने बताया कि हम सिर्फ सुबह ब्रश करते हैं।

डॉ. शालिनी का कहना है कि माता-पिता को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जागरूक होना चाहिए और साथ ही बच्चों को सुबह-शाम ब्रश जरूर कराना चाहिए।

टूथपेस्ट और ब्रश पाकर खिले बच्चों के चेहरे

दन्त परिक्षण शिविर के दौरान डॉ. शालिनी ने 253 बच्चों को कोलगेट टूथपेस्ट और ब्रश दिए और बच्चों से ये वादा लिया कि बच्चे नियमित रूप से सुबह-शाम ब्रश करेंगे। टूथपेस्ट और ब्रश गिफ्ट में मिलने पर बच्चों ने ख़ुशी जाहिर की।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.