कश्मीरी शादियों का प्रमुख वाद्ययंत्र: तुम्बकनार
नए एपिसोड में हम आपके लिए कश्मीर से 'तुंबकनार' की धुन लेकर आए हैं। उम्मीद है, ये आपके दिल को भी छू जाएगी।
Jigyasa Mishra 24 May 2019 7:55 AM GMT
'तुम्बकनार' एक प्राचीन कश्मीरी वाद्य यंत्र होता है, जिसे विवाह जैसे कार्यक्रमों में बजाया जाता है। माना जाता है कि इसका उद्गम स्थान ईरान और मध्य एशिया है क्यों कि मुगलों के साथ ही इसका प्रचलन कश्मीर में आया। ईरान में ये वाद्ययंत्र लकड़ी का बना होता है, जबकि कश्मीर में यह शुरू से मिट्टी से ही बनता है। इसके ऊपरी सतह को, जो काफ़ी हद तक तबले के जैसा होता है, हाथ की उँगलियों से थपथपा कर ध्वनि उत्पन्न की जाती है। हालाँकि इस से तबले से अलग ही प्रकार का संगीत तैयार होता है, जिसका इस्तेमाल कश्मीरी संगीत कार्यक्रमों और विशेष कर शादियों में अक्सर होता है।
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वूमेंस कॉलेज श्रीनगर के संगीत विभागाध्यक्ष मुज़फ्फर अहमद सालों से तुमबकनर बजाते व लोगों को सिखाते आये हैं। मुज़फ्फर बताते हैं, "यह माना जाता है कि ईरान से हमारे देश में आया, कश्मीर में आया लेकिन वहां पर तुम्बकनार को लकड़ी से बनाते हैं जबकि मिट्टी से भी बनाया जाता है इसे यहाँ।"
कश्मीरी 'तुंबकनार' लोक संगीत का एक ऐसा वाद्ययंत्र है जो कश्मीरी संगीत को दर्शाता है। गांव कनेक्शन की ख़ास सीरीज़ 'Folk Studio', में हम छिपी हुई लोक कलाओं को आपके सामने लाने की लगातार कोशिश करते हैं। इसके नए एपिसोड में हम आपके लिए लाए हैं इसी कश्मीरी 'तुंबकनार' की धुन लेकर आए हैं। उम्मीद है, ये धुन आपके दिल को भी छू पाएगी।
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