कपड़े उतार कर बैग में रख लेते हैं फिर पार करते हैं सड़क
Uzaif Malik 2 Oct 2016 7:00 PM GMT

सलमान खुर्शीद- कम्युनिटी जर्नलिस्ट
लहरपुर (सीतापुर)। सरकार कितना भी स्वच्छ भारत अभियान चला दे, लेकिन आज भी ऐसे कई गाँव हैं, जहां पर कई महीनों तक सफाईकर्मी नहीं आते हैं। जिन गाँव में आते भी हैं तो ग्राम प्रधान के घर की सफाई कर लौट जाते हैं।
सीतापुर जिले के लहरपुर ब्लाक के गोकुला गाँव में न तो एक भी पक्की सड़क है और न ही नालियां बनायी गयी हैं। जो सड़कें हैं भी उनमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। थोड़ी सी भी बारिश होने पर सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है। गाँव के जलीश अहमद कहते हैं, “बरसात में समय में जब पानी पूरे गाँव में भर जाता है तो बहुत परेशानी होती है। गाँव में निकलते समय हम कपड़े निकाल कर निकलते हैं, जिससे कपड़े न खराब हो जाए।"
उसी गाँव के सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले अखिल बताते हैं, “हम लोग तो अपने कपड़े उतार कर बैग में रख लेते हैं और जब गाँव से बाहर निकल आते हैं तो वहां पर नल पर हाथ पैर धुलकर फिर कपड़े पहनकर स्कूल जाते हैं। कई बार तो कीचड़ में गिरकर कपड़े भी खराब हो जाते हैं, हमें आए दिन स्कूल जाने में देर हो जाती है।“
हमसे पहले तो गाँव में दूसरे प्रधान थे, मुझे प्रधान बने तो अभी कुछ ही महीने हुए हैं। अब जैसे-जैसे योजनाएं आएंगी और पैसे मिलेंगे तो गाँव में काम शुरु कर दिया जाएगा।रसीद अहमद, ग्राम प्रधान
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