डेंगू का दंश: सैकड़ों जानें गईँ, जो बचे वो कंगाल हो रहे

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डेंगू का दंश: सैकड़ों जानें गईँ, जो बचे वो कंगाल हो रहेयूपी के सभी अस्पताल डेंगू के मरीजों से अटे पड़े हैं।

लखनऊ। डेंगू से उत्तर प्रदेश में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है, हजारों लोग सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हैं, उनकी जान तो जरुर बच गई है, लेकिन जेब खाली हो चुकी हैं। हजारों रुपयों की जांचों के बाद दवाइयों और प्लेटलेट्स खरीदते-खरीदते लोग कर्ज में डूब गए हैं।

यूपी की राजधानी लखनऊ के लभगभ सभी अस्पताल डेंगू के मरीजों से भरे पड़े हैं। सरकारी अस्पतालों में सिफारिश के बाद भी बेड नहीं मिल रहा है तो प्राइवेट अस्पतालों का खर्च इतना महंगा है कि डेंगू का इलाज तो दूर बल्कि बीमारी का पता लगानें में ही लोगों को अपनी जेब से हजारों रूपयें ढीले करने पड़ रहे हैं। डेंगू के एक मरीज की जांच कराने में कम से कम आठ से दस हजार रूपये के टेस्ट हो रहे है। इस तरह हजारों डेंगू ने लोगों की जेब से करोड़ों रूपये निकलवा लिए है। मादा एडीज ने कुछ लोगों की जान ली है तो इस बीमारी बहुत लोगों को आर्थिक दर्द दे दिया है। इस मामले में कोर्ट सरकार को कई बार फटकार लगा चुका है, लेकिन हालात वैसे ही हैं।

बलरामपुर अस्पताल पर्चा लिए अपनी बारी का इंतजार करते मरीज। फोटो- महेंद्र पांडेय

एक ओर स्वास्थ्य विभाग ने सीएमओ कार्यालय में हुयी बैठक में सारे प्राईवेट अस्पतालों के प्लेटलेटस के दाम तय कर दिये हैं। वही दूसरी ओर डेंगू टेस्ट के नाम पर लोगो से एक बार टेस्ट के कम से कम दो हजार रूपये लिए जा रहे हैं। इस दौरान कई बार प्लेटलेटस और एलाइजा टेस्ट होता है, जिसमें एक बार प्लेटलेटस की जांच को 300 और एलाइजा जांच के 1700 सौ रूपये वसूले जा रहे हैं। पूरी बीमारी के अन्तराल में एक मरीज को पाँच से छह बार टेस्ट कराना पड़ता है ऐसी हालात में उसके कम से कम दस से बारह हजार रूपये खर्चा करने पड़ रहे हैं। मड़ियांव इलाके में रहने वाले उपेंद्र शुक्ला के परिवार में सितंबर महीने में पांच लोगों को डेंगू का टेस्ट करवाना पड़ा। वो बताते हैं, “जान तो बच गई लेकिन बहुत पैसे खर्च हो गए। अलग-अलग अस्पतालों और जांच में कम से कम 25 से 30 हजार रुपये खर्च हुआ। जबकि किसी को भर्ती कराने की नौबत नहीं आई थी, वर्ना कर्जा ही लेना पड़ता।”

लखनऊ के राम मनोहर अस्पताल में फर्श पर लेटी अयोध्या की गुड़िया। फोटो- महेंद्र पांडेय

डेंगू टेस्ट महंगा होने का कारण भी कई बार मरीज इसका टेस्ट कराने से कतराते हैं। हालाकि सरकारी अस्पतालों में यह टेस्ट बिल्कुल फ्री है लेकिन वहां लम्बी लम्बी लाइनों के चलते लोग प्राईवेट में ही इसका इलाज करा हैं। ग्रामीण क्षेत्र में अक्सर लोग महंगाई के चलते टेस्ट कराने में करताते हैं और जिला अस्पताल के चक्कर लगाते रहते हैं ऐसे में भी कई मरीजों की जान गई है।

फोटो- महेंद्र पांडेय

लखनऊ के एक निजी अस्पताल में डेंगू के लिए आए हुसैनाबाद के तब्बन ने बताया कई दिन से बुखार था तब से अस्पताल में इलाज चल रहा है एक बार प्लेटलेटस टेस्ट के 300 और डेंगू कार्ड टेस्ट के 500 और एलाइजा टेस्ट के 1700 लिए जा रहे हैं। हर रोज यह टेस्ट होते हैं। तीन दिन में उनका दस हजार रूपया खर्च हो चुका है। वहीं सरफराजगंज रहने वाले वासिफ खान (18 वर्ष)को डेंगू हो गया है। उनके पांच दिन में 15000 रुपये खर्च हो चुके हैं। हालांकि इस बारे में बात करने पर सीएमओ एसएनएस यादव ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

     

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