एक जि़लाधिकारी, गाँव में एक रात, सैकड़ों ज़िंदगियां आसान हुईं

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एक जि़लाधिकारी, गाँव में एक रात, सैकड़ों ज़िंदगियां आसान हुईंगाँव कनेक्शन

महिगंवा (लखनऊ)। फसलों का मुआवज़ा किसानों तक पहुंचने में महीनों निकल जाते हैं, बिना न्याय ज़मीन विवाद वर्षों चलते रहते हैं, लेकिन लखनऊ की महिगंवा पंचायत में करिश्मा हुआ, रातों रात 600 किसानों को 34 लाख रुपए का मुआवज़ा बटा, ज़मीन के मसले सुलझे व सैकड़ों जिंदगियां खुशहाल हो गईं।

ये संभव हो सका क्योंकि लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर इस पंचायत में अपने तमाम अधिकारियों के साथ रात भर रुकने पहुंचे थे। एक रात में जिलाधिकारी ने पन्नों पर लिखकर अपनी तकलीफें लेकर पहुंचे सैकड़ों लोगों की न सिर्फ प्रशासन संबंधी मुश्किलें सुलझाईं बल्कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की ज़मीनी हकीक़त भी जांची।

डीएम ने समाजवादी पेंशन के कागज़ पर दर्ज लाभार्थियों की संख्या और असल संख्या में बड़ा अंतर पाया और कार्रवाई की। पेंशन देने में 15 दिन से ज्यादा देरी होने पर बैंक मैनेजर के खिलाफ एफआईआर की चेतावनी दी। मिड-डे मील दिए जाने में गड़बडिय़ां मिलीं तो अपर जिलाधिकारी स्तर की जांच बिठा दी। लोहिया समग्र ग्राम के तहत चुने गए कुनौरा में खराब हैंडपंप मिलने पर जल निगम के जूनियर इंजीनियर के खिलाफ़ कार्रवाई की। इसी गाँव के मजरों को विकास के लिए कोई पैसा नहीं मिला था, तुरंत पांच लाख रुपए जारी किए।

डीएम के एक रात के दौरे से यह भी स्थापित हुआ कि यदि अधिकारी के गाँव पहुंचने से एक रात में इतने बदलाव संभव हैं तो अधिकारियों के नियमित तौर पर गाँव पहुंचने से कायापलट हो सकती है। पिछले दिनों ही मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी जिलाधिकारियों को गाँव में रात बिताने के निर्देश दिए थे।

डीएम राजशेखर ने कहा, "इस तरह की चौपाल लगाना या समय-समय पर ऐसे निरीक्षण करने से ज़मीनी हालत का सही पता चलता है, अब तक लोग अपनी समस्याओं को लेकर हमारे पास आते थे, अब हम लोगों की समस्या को जानने उनके बीच जाएंगे।"

डीएम के जि़ला मुख्यालय के उत्तर में 45 किमी दूर स्थित महिगंवा पहुंचने के कई दिन पहले से ही इस गाँव में विकास ने जोर पकड़ लिया था, मुख्य गलियारे पर स्थित पांच साल से टूटी हुई नहर की पुलिया रातोंरात बन गई, कई साल से खंडहर पड़ा स्वास्थ्य केंद्र दो दिन में नया हो गया और सैकड़ों लोगों का स्वास्थ्य जांचा, नालियां और सड़कें साफ़ दिखने लगीं क्योंकि कई वर्षों से गायब सफाईकर्मी अचानक प्रकट हो गया थे, प्राथमिक स्कूल में मिड-डे मील की दशा सुधर गयी। डीएम के आने से पहले ही अगर पांच साल से बंद स्वास्थ्य केंद्र की हालत एक दम से सुधर गई तो आगे गाँव की सूरत में कुछ न कुछ सुधार तो ज़रूर आएगा।

महिगंवा गाँव निवासी सईद (42 वर्ष) ने कहा, "गाँव के प्राथमिक स्कूल में जब डीएम ने अपनी चौपाल लगाई तो सैकड़ों की संख्या में गाँववाले बिना सर्द हवाओं की फ़िक्र किए एकत्र हो गए किसी मेले जैसा माहौल बन गया।"

इस चौपाल में ही महिगंवा ग्राम पंचायत के रेवामऊ गाँव के रहने वाले मचान सिंह (46 वर्ष) को पिछले एक साल से अटकी अपने पट्टे की ज़मीन की वरासत मिल गई, गाँव के कुछ लोग जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं उन्हें बैसाखी, ट्राईसाइकिल और कान की मशीन उपलब्ध कराई गई। इस चौपाल में 67 किशोरियों को सेनेट्री पैड बंटवाए गए, यह पैड किशोरियों को प्रति पंचायत ढाई रुपए में उपलब्ध कराए जाएंगा।     

इतना ही नहीं पंचायत के कुछ मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया व खेलकूद में माहिर बच्चों के मनोबल को बढ़ाने के लिए क्रिकेट व वालीबॉल किट प्रदान कराई गईं

डीएम ने मुख्य रूप से इस चौपाल में स्वच्छता को बढ़ावा दिया, स्वच्छता और उसके महत्त्व को बताते हुए कठपुतली का खेल भी कराया गया चौपाल के साथ-साथ डीएम ने आस-पास के गाँवों का भी दौरा किया, ग्रामीणों के दरवाज़े पर खड़े होकर उनकी हाल खबर पूछी, समस्याएं सुनीं, तुरंत निस्तारित कीं। 

 

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