वित्त मंत्री जी, किसान चाहते हैं माफ़ हो कर्ज़ा तो महिलाएं चाहती हैं घर-घर पहुंचे सस्ती रसोई गैस

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
वित्त मंत्री जी, किसान चाहते हैं माफ़ हो कर्ज़ा तो महिलाएं चाहती हैं घर-घर पहुंचे सस्ती रसोई गैस1 फरवरी को पेश होगा आम बजट।

लखनऊ। दो दिन बाद देश का आम बजट पेश होने वाला है। देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और नोटबंदी के चलते ये बजट काफी महत्वपूर्ण है। देश के करोड़ों लोगों ने वित्त मंत्री से अपनी उम्मीदें बांध रखी हैं। चलिए आप को बताते हैं गांव के लोग क्या चाहते हैं इस बार बजट में।

ग्रामीण भारत के लोग चाहते हैं देश के 67 फीसदी लोग अगर गांवों मे रहते हैं तो बजट भी उन्हीं को ध्यान में बनाए जाए। उत्तराखंड के बागेश्वर में नौकरी करने वाले बाराबंकी के मलौली के रहने वाले जितेंद्र त्रिपाठी (42 वर्ष) कहते हैं, “बजट ज्यादातर बार शहर आधारित लगते हैं, लेकिन देश की अर्थव्यस्था सुधारनी है तो वित्त मंत्री को चाहिए कि गांव आधारित बजट बनाए। जैसे वित्त मंत्री उद्योगपतियों से उनकी सलाह लेते हैं वैसे किसानों से भी पूछा जाना चाहिए कि वो क्या चाहते हैं।” कानपुर नगर में बिधनू में सुखवासी देवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य विनोद कुमार अग्निहोत्री भी किसान हितैशी बजट चाहते हैं, वो कहते हैं, “देश की बहुत बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है इसलिए सरकार को चाहिए कि आने वाले बजट में किसानों के लिए और रियायत होनी चाहिए, साथ ही बजट को गांवों को ध्यान में रखकर बनाया जाये।”

नोटबंदी का असर ग्रामीण इलाकों पर भी पड़ा है और अब ग्रामीण चाहते हैं, सरकार बजट में कुछ छूट दें। बहराइच के गोलागंज निवासी पंकज कुमार कहते हैं, “नोटबंदी के कारण हम किसानों का जो नुकसान हुआ है अगर सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के लोन पर और छूट दे दे तो किसानों का बोझ भी हल्का हो जायेगा।”

तो नेपाल के करीब सिद्धार्थनगर के भरौली में रहने विजय बहादुर (53 वर्ष) की मांग है कि बैंकों पर नियंत्रण बढ़ाया जाए वो कहते हैं, “बैंकों का रवैया ग्रामीणों और किसानों के प्रति अनुकूल नहीं रहता है, जिससे किसानों को सरकार की ऋण योजनाओ का लाभ नहीं मिल पाता है। सरकार को बैंकों की नीतियों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाना चाहिये।” वहीं सिद्धार्थऩगर की शिक्षिका नीतू श्रीवास्तव प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की तारीफ करते हुए उसके दायरा बढ़ाने की बात कहती हैं, “ये काफी अच्छी योजना है, इसका दायरा बढ़े ताकि गैस हर रसोई में पहुंच जाए।” गोंडा के फरेंदाशुक्ल गांव निवासी विश्वनाथ तिवारी चाहते हैं कि बजट में किसानों का ब्याज माफ़ कर दिया जाए। खाद-बीज में छूट दी जाए और हर ब्लॉक में एक सरकारी इंटर कॉलेज बनाने का प्रवाधान होना चाहिए। वहीं इस साल पहली बार वोट डालने जा रहे बहराइच में फखरपुर के छात्र शुभम चाहते हैं बजट में उद्मिता और रोजगार पर जोर दिया जाए क्योंकि बेरोजगारी बढ़ी है।


     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.