पब्लिक स्कूलों को मात देता है ये प्राइमरी स्कूल, कंप्यूटर पर पढ़ते हैं बच्चे

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पब्लिक स्कूलों को मात देता है ये प्राइमरी स्कूल, कंप्यूटर पर पढ़ते हैं बच्चेप्राइमरी स्कूल में कान्वेंट स्कूल जैसी शिक्षा।

भारती सचान/कोमल, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कानपुर देहात। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की भी तमन्ना होती है कि उनके बच्चे भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़े, लेकिन महंगी फीस के कारण वो अपने बच्चों का एडमिशन नहीं करा पाते हैं।

कानपुर देहात जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर सरवन खेड़ा ब्लॉक के ग्राम भदेशा के सरकारी स्कूल एक नजर में किसी कान्वेंट स्कूल से कम नहीं लगता है। इस स्कूल के प्रधानाचार्य अपनी जेब से पैसा खर्च कर छात्र छात्राओं को कान्वेंट स्कूल जैसी सुविधाएं दे रहे हैं। स्कूल के फर्नीचर से लेकर ज़मीन पर बिछी कालीन तक उन्हीं के पैसों से आयी है और ये स्कूल कान्वेंट स्कूल की तरह नज़र आ रहा है। इसके चलते शिक्षक दिवस पर लखनऊ में प्रधानाचार्य को उत्कृष्ट सेवा के लिए राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया जो पूरे स्कूल के साथ साथ पूरे जनपद के लिए गौरव और सम्मान की बात है।

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स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा अंजू शुक्ला (14 वर्ष) बताती हैं, ”पापा कह रहे थे इंग्लिश मीडियम बड़े स्कूल में पढ़ाएंगे, लेकिन मम्मी कह रही थीं कि पैसे नहीं है। तो हमें मजबूरी में सरकारी स्कूल आना पड़ा। जब हम इस स्कूल में आए तो हमें बहुत अच्छा लगा। यहां स्कूल में अगर हमारे पास किताबें नहीं रहती हैं तो स्कूल में लाइब्रेरी से ले लेते हैं। कम्पूटर भी है जो मैम सिखाती हैं और हमें सर खेलकूद के लिए बाहर ले जाते हैं।”

स्कूल के प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापको की कड़ी मेहनत से ये स्कूल बखूबी कान्वेंट स्कूल की तरह नज़र आया और बच्चों के सपने साकार हुए। उन्होंने मन लगाकर पढ़ना तो शुरू किया ही साथ ही सर्व धर्म प्रार्थना, योग, कंप्यूटर और स्काउट कड़ी मेहनत से सीखा। इस विद्यालय की स्काउट की टीम ने तो प्रदेश स्तर पर कई पुरस्कार भी जीते हैं, विद्यालय के छात्र छात्राओं को अपना ये सरकारी स्कूल ही कान्वेंट स्कूल लगता।

स्कूल के प्रधानाध्यापक ज़फर अख्तर कहते हैं, “सरकारी स्कूल लोगों के लिए जहा नज़ीर बन गया है, वही लोगों की उस सोच को भी बदल रहा है कि सरकारी स्कूल हर मामले में बद से बदतर होते हैं। ज़रुरत इस स्कूल से सीख लेने की है।

इंग्लिश में करते हैं स्वागत

स्कूल की शिक्षिका प्रभा सचान बताती हैं, “इस प्राथमिक पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चे इस स्कूल में आने वाले अतिथि का इंग्लिश में वेलकम गीत गाकर स्वागत करते हैं। इस स्कूल में हर वो संसाधन मौजूद है जो एक अच्छे कान्वेंट स्कूल में होना चाहिए। इस स्कूल में प्राइवेट स्कूल की तरह कंप्यूटर लैब है, जहां बच्चे कम्प्यूटर सीखते हैं। बेहतर स्कूल की तरह इस स्कूल में लाइब्रेरी भी है, जहां छात्र छात्राएं पढ़ाई करते हैं। लाइब्रेरी में स्कूल की पुस्तकों के साथ साथ सामान्य ज्ञान की भी किताबें मौजूद हैं।”

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