रायबरेली में परेशानी का सबब बने आवारा पशु
Kishan Kumar 29 May 2017 10:35 PM GMT

रायबरेली। अभी तक किसान नीलगाय से परेशान थे। अब एक नई मुसीबत और आ गई है छुट्टा जानवरों की, जो खेतों में घुसकर फसल को नुकसान तो कर ही रहे हैं, साथ ही आबादी में बच्चों और बूढ़ों के लिये भी खतरा बन रहे हैं।
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बछरावाँ ब्लाक विशुनपुर ग्राम पंचायत की छात्रा उर्वसी पटेल (16) स्थानीय गाँधी विद्यालय की छात्रा है। उर्वसी बताती है, “कुछ दिन पहले मैं घर से स्कूल जा रही थी। गली में आंवारा पशु ने दौड़ा लिया। किसी तरह भागकर जान बचाई।“ इसी तरह बबुरिया खेड़ा के गंगा किशुन (50) ने बताया, ‘आवार जानवर सब्जी के बाड़े में घुसकर बहुत नुकसान करते हैं। ये जानवर लोगों को मारते भी हैं।इस वजह से खेत में जाने से डर लगा रहता है।’
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बन्नावाँ निवासी बिन्दा पटेल (40) कहते हैं,लोग दुधारू जानवर पालते हैं। जैसे जर्सी और मुर्रा। अगर जर्सी बछिया हुई तब तो ठीक, लेकिन अगर बछड़ा हुया तो उसे लावारिस छोड़ देते हैं। जो गाँव के लिये मुसीबत बन जाते हैं। इसी तरह जो पशु दूध देना बन्द कर देतें उन्हें भी छुट्टा छोड़ दिया जाता है। क्षेत्र में दो दर्जन से ज्यादा छुट्टा जानवर हैं, जो खेत का नुकसान तो कर ही रहे हैं। आबादी के लिये भी खतरा बन रहे हैं।’
इनपुट- संगीता पटेल , स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट
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