मैगी में मिली राख, बेसन में मिली मिलावट

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मैगी में मिली राख, बेसन में मिली मिलावटगाँव कनेक्शन

उन्नाव। जांच में राख मिलने के बाद मैगी की गुणवत्ता पर एक बार फिर सवाल उठे हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा मैगी के लिए गए नमूने में डेढ़ गुना से अधिक राख मिली है। जांच रिपोर्ट में राख मिलने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन की आेर से कंपनी को नोटिस भेजी जा रही है। इसके साथ ही बेसन व काली मिर्च के नमूने भी जांच में फेल हो गए हैं।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पुरवा कोतवाली क्षेत्र के बाजीखेड़ा से कमलेश कुमार की दुकान से मैगी का नमूना भरा था। नमूने को जांच के लिए लैब भेज दिया गया था। लैब में जांच के दौरान डेढ़ गुना से अधिक एैस पार्टिकल मिले हैं। दस दिन पूर्व आई जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन अधिकारी डॉ. सुधीर सिंह ने बताया, ''औसतन मैगी में एक प्रतिशत एैस कंटेंट मौजूद रहता है। कंपनी भी इस बात का दावा करती है। लेकिन विभागीय जांच में यह ढाई प्रतिशत से अधिक मिला है।'' वे आगे बताते हैं, ''बाहरी केमिकल के अधिक प्रयोग से राख जैसे तत्व मैगी में पाए गए हैं। जानकारों की माने तो कार्बनिक रसायन ज़्यादा होने पर एैस कंटेट बढ़ते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं। नमूने में मैगी के फेल होने पर कंपनी को नोटिस भेजी जा रही है।''

इसी तरह पुरवा से ही परचून की दुकानों से लिए गए काली मिर्च व बेसन का नमूना भी जांच में फेल पाया गया है। पुरवा से लिए गए काली मिर्च के नमूने में मृत दानों की संख्या आठ प्रतिशत से अधिक मिली है। यह संख्या अमूमन पांच प्रतिशत तक ही रहती है। वहीं बेसन के नमूने में मटर की मिलावट पाई गई है। काली मिर्च व बेसन का नमूना फेल होने के बाद दुकानदारों को नोटिस भेजी जा रही है। ये नमूने मई 2015 में खाद्य विभाग ने लिए थे। 

इसके साथ ही प्रदेश में पालीथीन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगने के बाद अब इस पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिले में पालीथीन का प्रयोग न हो सके व दुकानों से इसकी बिक्री रोकने के लिए 16 जनवरी से विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान खास नज़र उन लोगों पर रखी जाएगी जो पालीथीन में चाय भरकर बेचते हैं। इसके साथ ही प्लास्टिक के ग्लास की भी बिक्री नहीं की जा सकेगी। अभिहित अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन डॉ. सुधीर सिंह के अनुसार, ''16 जनवरी से बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा। अभियान चलाने से पूर्व लोगों को पालीथीन का प्रयोग न करने व इसकी बिक्री बंद करने की सूचना दे दी गई है। बावजूद इसके जो पालीथीन की बिक्री या उसका प्रयोग करता हुआ मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'' उन्होंने आगे बताया, ''जांच के दायरे में प्लास्टिक के ग्लास अधिक रहेंगे। चाय की दुकानों पर भी जांच की जाएगी।''

अब टोल फ्री नंबर पर दर्ज कराएं मिलावट की शिकायत

आपके आस-पास खाद्य पदार्थों में अगर कोई मिलावट करता है और आप इसकी सूचना दर्ज कराना चाहते हैं तो अब आपको खाद्य विभाग के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। विभाग ने मिलावट खोरों पर शिकंजा कसने के लिए टोल फ्री नंबर जारी कर दिया है। मिलावट की शिकायत दर्ज कराने के लिए अब आप १८००१८०५५३३ नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे। शिकायत दर्ज होते ही फौरन विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंच मामले की जांच शुरू कर देंगे।

रिपोर्टर - श्रीवत्स अवस्थी

 

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