न आई एंबुलेंस, न मिला इलाज

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न आई एंबुलेंस, न मिला इलाजएंबुलेंस नहीं मिलने से नहीं मिला इलाज।

दीपांशु मिश्रा ,स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। राजधानी के लोकबंधु अस्पताल में मंगलवार को इमरजेंसी वॉर्ड में आए एक गंभीर मरीज को जहां डॉक्टर ने भर्ती करने से मना कर उसे दूसरे अस्पताल में ले जाने के लिए कहा, वहीं मरीज की हालत गंभीर होने पर परिजनों द्वारा एंबुलेंस बुलाने पर भी एंबुलेंस देर से आने के लिए कहा गया। ऐसे में परिजनों को प्राइवेट गाड़ी बुलाकर मरीज को उस गाड़ी से सिविल अस्पताल ले जाना पड़ा।

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मानकनगर से मरीज रमेश के साथ आए उनके पिता मुन्नी लाल ने बताया, ‘’आज अचानक रमेश चक्कर खाकर बेहोश हो गया था। उसके बाद हम इसे लेकर लोक बन्धु अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लेकर आये थे, लेकिन डाक्टर ने मरीज को सही से देखा तक नहीं और कह दिया कि इसे सिविल अस्पताल ले जाओ, यहां पर इसका कुछ भी नहीं हो सकता।’’

उन्होंने ने आगे बताया, ‘’मरीज की हालत ज्यादा गंभीर समझकर हमने तुरंत एम्बुलेंस 108 पर फोन लगाया, लेकिन उधर से जवाब मिला कि एक घंटे बाद आऊंगा। मरीज को बचाना था तो हमने प्राइवेट टैक्सी को बुलाया है, जिससे हम मरीज को लेकर सिविल अस्पताल के लिए जा रहे हैं। इस बारे में लोक बन्धु चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अमिता यादव ने इस मामले की निंदा करते हुए कहा, ‘’मेरे संज्ञान में अभी मरीज के भर्ती न होने का मामला नहीं आया है। अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जांच की जाएगी और जो भी जिम्मेदार होगा उस पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी।’’

पता करेंगे, एंबुलेंस कहां थी’

एंम्बुलेंस समय पर न आने के मामले पर 108 एम्बुलेंस सेवा के मुख्य परिचालन अधिकारी उत्तर प्रदेश जितेन्द्र वालिया ने बताया, ‘’जिस एम्बुलेंस ने आने से मना किया है वह उस समय कहां पर थी इसे ट्रैक किया जायेगा। ड्यूटी पर न मिलने पर उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे आगे कोई भी ऐसा न करे।’’

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