यह एक ऐसा साथी है जो कभी साथ नहीं छोड़ेगा। अच्छे वक्त में या फिर बुरे वक्त में, टेंशन से लेकर पेंशन तक .. और बीच में किसी भी परेशानी में, जहां आगे बढ़ेंगे वहां आपको लुभाने के लिए, ताना देने के लिए, बहकाने के लिए। और आखिर आपको पतन की ओर ले जाएगा।
भारत के सबसे बड़े ग्रामीण मीडिया प्लेटफॉर्म, गांव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिसरा की लिखी और पढ़ी गई कविता का सार यह है शारब चीज ही ऐसी है, न छोड़ी…
शराब के दुष्प्रभावों के खिलाफ एक सामाजिक अभियान के लिए यह कविता विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ गांव कनेक्शन के सहयोग का हिस्सा है, जिसका शीर्षक मेरी प्यारी जिंदगी है, जो शराब पर जागरूकता बढ़ाने के लिए ऑडियो और वीडियो कहानियों और यादों की एक श्रृंखला है।
कविता में बताया गया है कि कैसे शराब की खपत को ग्लैमराइज़ किया गया है और यहां तक कि फिल्मों, गानों, विज्ञापनों में … हर जगह महिमा मंडित किया गया है। मिसरा ने अपनी कविता में कहा है कि शराब के सेवन के खिलाफ वैधानिक चेतावनियों को एक उपहास में बदल दिया गया है।
कविता शारीरिक और साथ ही मानसिक बीमारियों के बारे में भी बताती है जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शराब के दुरुपयोग का परिणाम हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2016 में, शराब के हानिकारक उपयोग के कारण दुनिया भर में लगभग 30 लाख मौतें (सभी मौतों का 5.3 प्रतिशत) हुईं। 2016 में दुनिया भर में शराब के सेवन से होने वाली मौतों में से 28.7 प्रतिशत चोटों के कारण, 21.3 प्रतिशत पाचन रोगों के कारण, 19 प्रतिशत हृदय रोगों के कारण, 12.9 प्रतिशत संक्रामक रोगों के कारण और 12.6 प्रतिशत कैंसर के कारण हुई।
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में, शराब और स्वास्थ्य 2018 पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट शीर्षक से, डब्ल्यूएचओ पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति शराब की खपत में वृद्धि हुई है। इन क्षेत्रों में चीन और भारत के अत्यधिक आबादी वाले देश शामिल हैं। चीन में, शराब की प्रति व्यक्ति खपत 2005 में 4.1 लीटर से बढ़कर 2016 में 7.2 लीटर हो गई है। भारत में, शराब की प्रति व्यक्ति खपत 2005 में 2.4 लीटर से बढ़कर 2016 में 5.7 लीटर हो गई है।
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत ने भविष्यवाणी की है कि 2030 तक मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण भारत को 1.03 ट्रिलियन अमरीकी डालर का आर्थिक नुकसान होगा। शराब के सेवन से बहुत सारी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जुड़ी हुई हैं। और, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 150 मिलियन भारतीयों को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की आवश्यकता है, लेकिन 30 मिलियन से भी कम वास्तव में देखभाल की मांग कर रहे हैं।
शराब चीज़ ही ऐसी है
ना छोड़ी जाए
ये मेरे यार के जैसी है,
ना छोड़ी जाए
नशा शराब में होता तो नाचती बोतल
चार बोतल वोदका
काम मेरा रोज़ का
बचपन से अब तक
यही तो सुना है
टेंशन के मिलने से
पेन्शन के मिलने तक
स्कूलों के पीछे
या गाड़ी की डिक्की में
या हंस के मुस्का के उसको चुना है
“यहां शराब पीना मना है”
हजारों ऐसा बोर्ड बना है
मगर कर दिया अनसुना है
क्योंकि
शराब चीज़ ही ऐसी है
ना छोड़ी जाए
ये मेरे यार के जैसी है,
ना छोड़ी जाए
हट्ट!
तेरी यार नहीं है शराब
तेरा प्यार नहीं है शराब
कूल नहीं है शराब
सेक्सी नहीं है शराब
तुझपे जंचती नहीं है शराब
छूटती नहीं है शराब
छोड़ती नहीं है शराब
बड़ा कूल बनते हो दारू का ग्लास लेके
“My son has become a man, he can have a drink with me!”
असल में ये कह रहे हो
“I am sinking, you want to sink with me?”
जो जिसको देख के
कोई आह भरता है
कि वाह वाह करता है
उस दारू वाली सेल्फ़ी में बताएँ कि क्या क्या है?
लिवर सिरोसिस
हार्ट अटैक का ख़तरा
कई बार कैन्सर
हाँ, शराब के भी कारण कैन्सर हो जाता है
ये बात तुम्हें कोई ना बताता है
उनका तुमसे ऐसा ही तो नाता है
लाइट ड्रिंकिंग के कारण भी कैन्सर हो जाता है
दारू का गिलास
इम्पोटेंट होने का ख़तरा बढ़ाता है
स्टैमिना घटाता है
कमाई उड़ाता है
इम्यूनिटी घटाता है
हर दस सेकंड कोई शराब से मर जाता है
अट्ठारह पर्सेंट मर्डर
अट्ठारह पर्सेंट सूसाइड
चौंतीस पर्सेंट ऐक्सिडेंट
सब दारू से ही आता है
ग़लती हमारी है
हम गाना कहानी को लिखने सुनाने
में देते गए सबको पीने के बहाने
दिल लगा तो पी ली शराब
दिल टूटा पी ली शराब
इंतज़ार? हीरो ने पी ली शराब
आ गए वो तो ख़ुशी में पी ली शराब
फ़िल्मों की थीम्ज़ में
चुटकुले में मीम्ज़ में
गानों में ग़ज़लों में
इतना किया ग्लोरिफ़ाई
जैसे दारू जो पीता वही हाई फ़ाई
हर एक बोली में, हर एक भाषा में
एड्वान्स होने की नई ही परिभाषा में
शराब को बनाया है महिला की आज़ादी का सिम्बल?
कैसी है आज़ादी भई ये
बात है बॉस सिम्पल
लड़का या लड़की हो
अमीरी हो, कड़की हो
बीमारी लाती है शराब
कंगाली लाती है शराब
कोई लिबरेशन न लाए शराब
उल्टा ये कर जाए गुर्दा ख़राब
बदहाली लाती है शराब
थोड़ी जी जो पी ली है
चोरी तो नहीं की है
हाँ की है जी चोरी!
अपनी ही सैलरी ख़ुद से चुराते हो
आपने में कैसे सुबह तुम मुँह दिखाते हो?
अपना ख़ुद का चैन लुटाते हो
क्यूँ दारू पी के अपना मज़ाक़ बनाते हो?
सोचना ना इसपे मेरे यार
तेरी यार नहीं है शराब
तेरा प्यार नहीं है शराब
कूल नहीं है शराब
सेक्सी नहीं है शराब
तुझपे जँचती नहीं है शराब
छूटती नहीं है शराब
छोड़ती नहीं है शराब