इस दिन से शुरू हो रहा है छठ महापर्व आप भी शामिल हो जाइए इस उत्सव में

देश ही नहीं विदेशों में भी छठ पूजा की धूम रहती है, नदी और तालाब के घाटों की सफाई शुरू हो गई है, परदेस में रहने वाले गाँव आ गए हैं।
#chhat puja

साल भर के इंतज़ार के बाद एक बार फिर छठ महापर्व आ गया है; बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाए जाने वाले इस महापर्व की तैयारियाँ शुरू हो गईं हैं, चलिए जानते हैं इस बार कब से कब मनाया जाएगा ये महापर्व।

यह पर्व चार दिनों तक चलता है। पंचांग के अनुसार छठ पूजा का यह पावन पर्व हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। छठ सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रखा जाता है।

छठ पूजा का व्रत रखने वाले लोग चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल उपवास रखते हैं। छठ पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है, लेकिन यह पर्व चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तिथि को सुबह सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद खत्म होता है।

इस साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 17 नवंबर दिन शनिवार को सुबह 09 बजकर 18 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 19 नवंबर दिन रविवार को सुबह 07 बजकर 23 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार छठ पूजा 19 नवंबर को है।

जैसा कि भारतीय त्योहारों के साथ होता है, छठ का चार दिवसीय त्योहार भी कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ आता है – ठेकुआ, कोहड़ा की सब्जी, चना दाल कद्दू, ओल (सूरन) की चटनी, पकौड़े। छठ महापर्व में बनने वाले ज्यादातर परंपरागत व्यंजन पूरी तरह से सात्विक तरीके से बनते हैं, यानी इसमें प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं होता है।

शुभ मुहूर्त

19 नवंबर, 2023 सूर्यास्त का समय: शाम 5 बजकर 26 मिनट

20 नवंबर, 2023 सूर्योदय का समय: सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर

छठ पूजा

17 नवंबर, 2023 : नहाय खाय

18 नवंबर, 2023 : खरना

19 नवंबर, 2023 – छठ पूजा, डूबते सूर्य को अर्घ्य

20 नवंबर, 2023 – उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, छठ पूजा का समापन और पारण

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