ये कहानी है, सीआरपीएफ डॉग बादल और डॉग हैंडलर पवन कुमार की, पवन और उनके डॉग बादल का रिश्ता कितना गहरा और मज़बूत हैं ये देखकर ही पता चल जाता है। बादल पिछले कई साल से पवन के साथ रह रहा है।
पवन कुमार बताते हैं, “मेरा और बादल का बहुत ही गहरा रिश्ता है, देखा जाए तो बादल मेरे बिना अधूरा हैं, और मैं बादल के बिना। हम बिल्कुल परिवार की तरह हैं बादल हमारे साथ रहता हैं, हम लोग जहाँ ड्यूटी पर जाते हैं बादल को साथ लेकर जाते हैं, हमारे ही आदेश पर जो भी हम लोग कमांड देते हैं उस पर बादल काम करता है।”
वो आगे कहते हैं, “बादल हमारे साथ लगभग 8 सालों से है, हम लोगों ने बीएसएफ टनकपुर में इसे ट्रेन किया था, उसके बाद से बादल हमारे साथ है।”
पवन ने बहुत जगह बादल के साथ ड्यूटी की है, मणिपुर, नागालैंड, गोवा जैसी जगहों के साथ ही हर बार अमरनाथ यात्रा में ड्यूटी करता है। पवन बादल को दुलारते हुए आगे कहते हैं, “नॉर्थ ईस्ट के जितने भी इलेक्शन हैं बादल सभी जगह हमारे साथ गया है। उसके साथ तो मैंने पूरे देश में ड्यूटी की है, जम्मू-कश्मीर से लेकर मेघालय तक।”
बादल एक्सप्लोसिव (विस्फोटक) के लिए प्रशिक्षित है, किसी वीआईपी ड्यूटी, मेला, जहाँ पर भी बादल जाता है, सबसे पहले वो सर्च करता है कि कहीं वहाँ पर एक्सप्लोसिव तो नहीं है।
पवन बताते हैं, “हम लोगों के साथ बम डिस्पोजल टीम रहती है, हम सभी लोग मिलकर वहाँ पर एक्सप्लोजिव की खोज करते हैं। जहाँ भी जाते हैं एक्सप्लोजिव ही बादल ढूंढता है।”
“डॉग को संभालना आसान काम नहीं होता हैं, साथ में रहने के लिए बहुत घुलना मिलना पड़ता है। उसको बच्चे की तरह से पालना पडता है। वो हैंडलर को समझते हैं और हैंडलर उनको।” पवन ने आगे कहा।
इसका फोर्स में प्रशिक्षण तो दे दिया जाता है लेकिन इसका एक निर्धारित समय होता है, दोनों आपस में मेयरिंगअप हो जाते हैं उस कार्यवाही को मेयरिंग अप बोलते हैं र्फोस में।
वो आगे कहते हैं, “बादल क्या चाह रहा है, कब प्यासा है, कब भूखा है, ये कहा जा रहा है, कहीं अगर एक्सप्लोजिव लगा हुआ है तो कैसे इन्डिकेट कर रहा है, इसके साथ रहते रहते हमारी हर एक एक्टिविटी समझ जाता है और मैं इसकी समझ जाता हूँ। सुबह मैं उसकी पीटी कराता हूँ पीटी कराने के बाद इसका एक्सरसाइज कराते हैं।”
बादल आठ साल का हो गया है और अभी फिट है बढ़िया ड्यूटी करता है, लेकिन पवन को आगे का सोचकर दुख होता है, वो कहते हैं, “बादल जब रिटायर हो जाएगा, तो मुझे बहुत दुख होगा क्योंकि मैं इसी के साथ रहता हूँ, एक अकेलापन लगेगा, क्योंकि 24 घण्टे इसी के साथ रहने की अब आदत है। बादल मेरे परिवार का ही हिस्सा है, मेरे परिवार से ज़्यादा ही बादल मेरे लिए है, क्योंकि ज़्यादा समय मेरे साथ रहता है।”