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कैसी रही गाँव कनेक्शन की 11 साल की यात्रा सुनिए नीलेश मिसरा की ज़ुबानी

आपका गाँव कनेक्शन 11 साल का हो गया, 2 दिसंबर 2012 से शुरू हुई इस यात्रा में आप दर्शकों, पाठकों और श्रोताओं ने गाँव कनेक्शन का हमेशा साथ दिया, गाँव कनेक्शन के फाउंडर (संस्थापक) नीलेश मिसरा अपनी 11 साल की यात्रा को आपसे साझा कर रहे हैं।
#NeeleshMisra

आसान नहीं होता हैं सालों साल किसी भी धुन में लगे रहना, आसान नहीं होता है किसी के लिए भी एक मिशन लेकर, एक गोल लेकर, एक ध्येय लेकर बस उसके पीछे चलते जाना, चाहे कुछ भी हो जाए। आसान नहीं होता है मुश्किलों का सामना करना, आसान नहीं होता है लोगों की बातें, उनका उपहास, उनके संशय को सुनना कि तुम ये नहीं कर पाओगे। आसान नहीं होती हैं यात्राएँ, आसान नहीं होता है जीवन में बहुत सी चीज़ें छोड़कर आसान रास्ते छोड़कर मुश्किल रास्ता चुनना।

लेकिन हमारे जो गाँव कनेक्शन के साथी हैं वो साधारण लोग नहीं हैं, असाधारण लोग हैं वो हमेशा मुश्किल रास्ते चुनते हैं और हमेशा उन पर विजय प्राप्त करते हैं या फिर कोशिश तो करते रहते हैं। गाँव कनेक्शन ग्यारह साल का हो गया है, पता भी नहीं लगा कि कब एक छोटा सा ख़्याल जो मन में आया था कि गाँव की आवाज़, शहरों तक दुनिया तक पहुँचाई जाए।

इस छोटे से ख़्याल ने मूल रूप धारण किया। पहले एक अख़बार बना, फिर डिजिटल माध्यमों में आए, वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट, ग्राउंड एक्टिवेशन, सर्वेज, देश के हर राज्य में 400 से अधिक ज़िलों में हमने मेहनत की है तपस्या की है।

आसान नहीं था ये, और इस यात्रा में आप सब हमारे साथ रहे, हिम्मत बढ़ाई। कुछ ने दूर से कुछ ने ज़ोर शोर से जुड़कर, हर साथी का हम सम्मान करते हैं। धन्यवाद देना चाहते हैं। गाँव कनेक्शन ग्यारह साल का हो गया है और भारतीय परंपरा में ग्यारह का जो अंक है बड़ा शुभ माना जाता है, तो भाई मैं तो ये मान के चल रहा हूँ की आने वाला साल गाँव कनेक्शन के लिए शुभ होगा और मेरी ये ही प्रार्थना होगी की ये साल ग्रामीण भारत के लिए शुभ होगा।

ग्रामीण भारत के जितने लोग हैं उनकी ज़िंदगी बेहतर हो उनकी आवाज़ दुनिया सुने, शहरों तक उनकी आवाज़ पहुँचे और उन तक वो जानकारी पहुँचानी है जो उनके जीवन को बदल सकती है, वो उन तक लगातार पहुँचती रहे।

हम एक पोस्टमैन की तरह अपना काम करते रहेंगे, गिलहरी की तरह काम करते रहेंगे। हमे पता है हमारा काम आसान नहीं है, बहुत सारी आर्थिक विषमताएँ हमेशा रहती हैं।

कई समस्याओं के बारे में बता पाते हैं, कई समस्याओं के बारे में नहीं पता पाते, लेकिन चलते रहते हैं और कोशिश यही रहती है जो भी करें अच्छा काम करें सच्चा काम हो सात्विक काम हो।

ऐसा काम हो जिसमें ऑनेस्टी हो, इंटेग्रेटी हो, जो किसी एजेंडा के तहत न किया गया हो, जो किसी छुपे कारण की वजह से न किया गया हो। कारण बस एक हो की गाँव के लोगों की आवाज़ को बुलंद करना है, गाँव की चुनौतियाँ, गाँव की उपलब्धियाँ, उनको आप तक पहुँचना है और गाँव के लिए जो अच्छी अच्छी जानकारी है, जिससे उनकी सेहत अच्छी हो सकती है, जिससे वो सरकारी योजनाओ का फायदा उठा सकते हैं।

उनके बच्चों की शिक्षा बेहतर हो सकती है, उनके रोज़गार के साधन खुल सकते हैं, उन सारी जानकारियों को गाँव वालों तक पहुँचाना ये ही काम है, ये ही तो काम होता है पोस्टमैन का।

इससे बड़ा हम कोई भी रोल अपने लिए नहीं देखते हैं, हमको इसी तरह अपना काम करते जाना है और मुझे उम्मीद है की इस आने वाले साल में और आने वाले बहुत से सालों में गाँव कनेक्शन के लिए आपका प्यार आपका आशीर्वाद बना रहेगा।

हम जब तक सामर्थ्य है जब तक कर पाएँगे, गाँव कनेक्शन की यात्रा को आगे बढ़ाते रहेंगे जब तक बन सकेगा; जिस तरह से भी बन सकेगा। हम कोशिश करेंगे की नए-नए तरीकों से आज का जो डिजिटल युग है उसके बाद आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का जो युग है, उसके लिए ग्रामीण भारत को तैयार करें, वो सावधान रहे कि उनका नुकसान न हो और इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं वो भी सीखें और इसी तरह से अपने जीवन को अलग अलग तरीके से बेहतर कर पाएँ।

मेरे साथियों, मैं अक्सर आपसे कह नहीं पता हूँ, लेकिन मुझे गर्व है, आपके ऊपर गाँव कनेक्शन टीम के ऊपर, आप हर तरीके से मेहनत करके ज़मीनी काम करके गाँव से गाँव के भारत से जुड़े रहे हैं। उनकी बातों को उनकी चिंता को उनकी उपलब्धियों को दुनिया तक पहुँचाते रहते हैं। आपसे बहुत प्रेरणा मिलती है मुझे, आपकी मेहनत आपकी एकाग्रता किसी के लिए भी इंस्पिरेशनल है, आप सब का भी बहुत शुक्रिया।

हमने बहुत सारे नए प्रोजेक्ट शुरू किए हैं तो जो हमारे पाठक हैं श्रोता हैं दर्शक हैं उनको देख लिया करिए, पढ़ लिया करिए, सुन लिया करिए।

टीचर कनेक्शन हमारा प्रोजेक्ट है जो टीचरों की अनकही कहानियाँ है, उनको आप तक लाते हैं। हमने अभी अभी बच्चों के लिए एक मैगज़ीन शुरू की है, जिसका नाम है ‘कनेक्शन’ जो अंग्रेजी और हिंदी में है। उम्मीद है आगे जाकर और भारतीय भाषाओं में होगी, ये डाउनलोड करें मुफ़्त है, वेबसाइट पर उपलब्ध है।

साथ ही हमने अभी अभी ‘क्लाइमेट कनेक्शन’ नाम का प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें जो क्लाइमेट चेंज है जो हमारे जीवन को बहुत गहराई से इफेक्ट करने वाला है। उसके बारे में तो जानकारी दी ही जाएगी, लेकिन और बहुत से लोग हैं जो अपनी सूझबूझ से भारत की जो परम्पराएँ हैं जो भारत का पुराना ज्ञान है उसका इस्तेमाल करके या उसकी ओर वापस जाकर क्लाइमेट चेंज के साथ जीने या सामना करने के तरीके निकाल रहे हैं वो भी हम आपको बताएँगे; साथ साथ हम एक प्रोजेक्ट कर रहें है जिसका नाम है ‘द चेंज मेकर’ प्रोजेक्ट जो उन लोगों की कहानियाँ है, जो निस्वार्थ भाव से सेवा करते रहते हैं, औरों की जिनकी शायद कभी कोई मदद नहीं करता, कभी कोई तारीफ़ नहीं करता, जिनको पैसे कहाँ से मिलेंगे काम करने के लिए कोई नहीं बता पाता उनकी कहानियाँ है।

तो ये सारी कोशिशें हमारी चलती रहती हैं, आप सब का समर्थन चाहिए होगा। सहयोग चाहिए होगा हमारा फितूर हैं और हम जब तक कर पाएँगे उम्मीद है, लम्बे समय तक करते रहेंगे।

गाँव कनेक्शन को आपने पिछले एक दशक से ग्यारह साल तक इतना प्यार दिया उसका धन्यवाद और इस यात्रा में आप ऐसे ही बने रहे तो बहुत ख़ुशी होगी। क्योंकि आपमें और हममे थोड़ा थोड़ा गाँव तो ज़रूर बसता है, इसीलिए आपको हमको हम सबको बनाये रखना है अपना गाँव कनेक्शन।

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