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गाँव कनेक्शन की खबर का असर- जिला प्रशासन ने बिरसा मुंडा के हेरिटेज स्कूल पर रिपोर्ट मांगी, कार्रवाई का वादा

झारखंड के नायक बिरसा मुंडा ने जिस स्कूल से पढ़ाई की थी, उसकी दयनीय स्थिति पर गाँव कनेक्शन की हालिया रिपोर्ट ने पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी ने चाईबासा के लूथरन मिडिल स्कूल का दौरा किया और विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
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रांची, झारखंड। दो दिन पहले, 15 नवंबर को झारखंड राज्य की 22वीं वर्षगांठ के अवसर पर गाँव कनेक्शन ने चाईबासा में लूथरन मिडिल स्कूल की बदहाल स्थिति पर एक खबर छापी थी। यह वही स्कूल है जहां राज्य के नायक और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा ने अपनी पढ़ाई की थी।

‘झारखंड के जिस स्कूल में बिरसा मुंडा ने पढ़ाई की थी, आज बदहाल स्थिति में है वो स्कूल’ शीर्षक से छपी इस खबर ने पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया और अगले ही दिन 16 नवंबर को कोल्हान संभाग के क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी (REO) अभय शिल ने स्कूल का दौरा किया। उन्होंने स्कूल की इमारत का निरीक्षण किया, स्कूल के कर्मचारियों से मुलाकात की और छात्रों से स्कूल की मौजूदा स्थिति के बारे में बात की।

जिला प्रशासन ने इस मामले में मदद करने की बात कही। साथ ही चाईबासा में लूथरन मिडिल स्कूल की मरम्मत और उसे बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा किया। गौरतलब है कि इस स्कूल में स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा ने अपने कुछ साल बिताए थे। कायदे से इसे एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक विरासत स्थान होना चाहिए था, लेकिन फिलहाल तो इसकी स्थिति बदहाल है।

स्कूल के अपने दौरे के बारे में बात करते हुए REO ने कहा कि गाँव कनेक्शन में छपी स्कूल की खबर पढ़ने के बाद पश्चिमी सिंहभूम उपायुक्त (DC) अनन्या मित्तल ने उन्हें स्कूल की मौजूदा स्थिति पर प्रारंभिक रिपोर्ट पेश करने और इसकी जरूरतों की एक लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया था।

शिल ने गाँव कनेक्शन को बताया, “मैंने स्कूल के दौरे के बाद तैयार की गई अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है। इसमें स्कूल प्रशासन की तरफ से बुधवार (16 नवंबर) को दी गई जानकारी है।” उन्होंने कहा कि प्रशासन इस बात की स्टडी करेगा कि झारखंड की प्रतिष्ठित शैक्षणिक विरासत वाले स्कूल में कम दाखिले क्यों हुए हैं।

शिल ने कहा, “डीसी पुराने होस्टल को संरक्षित करने के लिए प्रशासनिक और नीति संबंधी निर्णय लेंगी। फिलहाल यह होस्टल एक यूथ सेंटर बना हुआ है। छात्रावास का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि स्कूल में पढ़ते समय बिरसा मुंडा यहीं रहा करते थे। शिक्षक के खाली पड़े पदों और स्कूल कर्मचारियों के लंबे समय से वेतन न मिल पाने वाले मसलों पर भी चर्चा की जाएगी। “

स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक एस्तेर आंद ने जिला प्रशासन का स्कूल की हालत की तरफ ध्यान दिलाने के लिए गाँव कनेक्शन का धन्यवाद किया।

आंद ने गाँव कनेक्शन को बताया, “स्कूल ने अपनी बुनियादी जरूरतों के बारे में अधिकारी को बताया था। इसमें एक कंप्यूटर रूम, शौचालय की संख्या बढ़ाने और अन्य चीजों के अलावा लंबित वेतन का निपटान शामिल रहा।”

इन-चार्ज हेडमास्टर ने कहा, “हालांकि जिस क्लास में बिरसा मुंडा ने 1888 तक अध्ययन किया था, उसकी जर्जर हालत के चलते उसे 2014 में ध्वस्त कर दिया गया था। लेकिन छात्रावास को अभी भी बचाया जा सकता है। हमें उम्मीद है कि जिला प्रशासन ऐतिहासिक छात्रावास को संरक्षित करने और स्कूल को एक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए ठोस कार्रवाई करेगा।”

बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर झारखंड के गठन के 22 वें वर्ष के अवसर पर 15 नवंबर को स्कूली छात्रों ने बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देने के लिए एक रैली निकाली। झारखंड भारत का 28 वां राज्य है, जो 15 नवंबर, 2000 को राज्य के लिए लंबे समय से चले आ रहे आदिवासी आंदोलन के बाद बनाया गया था। इसे बिहार राज्य से अलग कर बनाया गया था।

पश्चिम सिंहभूम जिला परिषद (जिला परिषद) की सदस्य देवकी कुमारी ने गाँव कनेक्शन को बताया, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उस विरासत संरचना पर उचित ध्यान नहीं दिया गया, जहां बिरसा मुंडा ने पढ़ाई की थी।”

देवकी कुमारी ने कहा, “मैं जिला परिषद की अगली बैठक में इस मुद्दे को उठाऊंगी। हालांकि विधायक (सांसद और विधायक) और जिला परिषद अध्यक्ष सहित सभी जन प्रतिनिधियों के निर्वाचन क्षेत्र पश्चिमी सिंहभूम में आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं, लेकिन बिरसा मुंडा की शैक्षणिक संरचना, जिसे लोगों का गौरव माना जाता था, को संरक्षित नहीं किया जा सका।” वह आगे कहती हैं, “मैं जिला प्रशासन और जिला परिषद से जिले में ऐसी अन्य विरासतों की पहचान करने और उनकी सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध करूंगी। ताकि अन्य विरासत स्थलों को बिरसा मुंडा की स्कूल की तरह बदतर हालत का सामना नहीं करना पड़े।”

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