ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 111वें नंबर पर रिपोर्ट पर उठे सवाल

ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी किया जा चुका है, जिसमें भारत की स्थिति पिछली बार की तुलना में और खराब बताई गई है। 126 देशों के सर्वे में भारत की इसमें 111 वीं रैंक है।
#Global Hunger Index

वैश्विक भूख सूचकांक यानी ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 111वें स्थान पर आ गया है, जबकि पिछले साल इसका 107 वाँ स्थान था। हैरत की बात ये है कि इस बार भारत पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल जैसे देशों से भी पीछे चला गया है।

12 अक्टूबर को जारी भारत को 28.7 स्कोर के साथ भुखमरी के मामले में गंभीर स्थिति वाला देश बताया गया है। वैश्विक भूख सूचकांक 2023 में पाकिस्तान 102वें स्थान पर, बांग्लादेश 81वें स्थान पर, नेपाल 69 वें स्थान पर और श्रीलंका 60वें स्थान पर है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स ग्लोबल, रीजनल और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और ट्रैक करने का एक टूल है।

केंद्र सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इस ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट को पिछले साल और उससे पिछले साल यानी लगातार 2 साल इसे सिरे से नकार दिया था। इस बार भी इस रिपोर्ट को फर्जी बताया गया है। केंद्र सरकार के मुताबिक इस इंडेक्स के चार में से तीन इंडिकेटर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं और ये देश की पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। वहीं चौथा और सबसे महत्वपूर्ण इंडिकेटर – आबादी में कुपोषितों का अनुपात – ओपिनियन पोल पर आधारित है।

कैसे कैलकुलेट किया जाता है ग्लोबल हंगर इंडेक्स

अब सवाल उठता है कि यह जीएचआई (ग्लोबल हंगर इंडेक्स) नंबर कैसे निकाला जाता है? दरअसल इसमें तीन तरह के आंकड़े अहम होते हैं।

किसी देश की कुल आबादी में कुपोषण की शिकार आबादी की हिस्सेदारी (प्रतिशत में)।

किसी देश में 5 साल से कम उम्र के कुल बच्चों में कम वजन वाले बच्चों की हिस्सेदारी (प्रतिशत में)।

किसी देश में पैदा हुए ऐसे बच्चों का प्रतिशत, जिनकी पाँच साल की उम्र पूरी होने से पहले मौत हो गई हो (शिशु मृत्यु दर)।

इन तीनों आंकड़ों को निकालकर उनका औसत निकाल लिया जाता है। यानी तीनों संख्याओं को जोड़कर उनमें 3 से भाग दे दिया जाता है। जो निकलता है, वही संबंधित देश का जीएचआई होता है।

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