देश के 6 लाख से ज़्यादा गाँवों की तस्वीर धीरे धीरे बदल रही है। कभी बिजली का होना जहाँ बड़े सपने के सच होने जैसा था वहाँ अब सुबह शाम दोनों क़्क्त बल्ब जलते हैं; लेकिन पानी की किल्लत पूरी तरह अबतक दूर नहीं हुई है।
कई राज्यों में अभी भी पीने का पानी लाने के लिए दूर के हैंडपंप या तालाब, नदी तक गाँव की महिलाओं को लम्बा सफर तय करना होता है।
विश्व स्वाथ्य संगठन (डब्लूएचओ) का कहना है कि अगर देश के सभी गाँवों के हर घर में नल लग जाए तो इससे 5.5 करोड़ घंटे से अधिक समय की बचत होग। ये वो समय है जो महिलाएँ पानी की ज़रूरत को पूरा करने में खर्च कर देती हैं। साफ़ है, गाँव की महिलाओं के पास खुद के लिए जब अधिक समय होगा तो न सिर्फ उन्हें रोज़ाना के थकान से कुछ राहत मिलेगी, बच्चों की पढ़ाई की तरफ भी ध्यान दे सकेंगी।
केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर के मुताबिक सरकार देश के सभी गाँव के परिवारों को नल के कनेक्शन से सुरक्षित पीने योग्य पानी की सप्लाई के लिए तेज़ी से काम कर रही है; उम्मीद है जल्द ही हर घर में नल की सुविधा होगी।
#JalJeevanMission provided safe drinking water to more than 13.75 Crore rural households till today to bring ease-of-living to women and girls. #HarGharJal @PMOIndia @gssjodhpur @prahladspatel @MoJSDoWRRDGR @MoJSDDWS @PIB_India @PIBWater @NITIAayog @mygovindia @MyGovHindi pic.twitter.com/Xialga3AK9
— Jal Jeevan Mission I #HarGharJal (@jaljeevan_) December 7, 2023
उन्होंने कहा सभी राज्यों के साथ केंद्र सरकार मिलकर इस मिशन को पूरा करने में जुटी है और काफी हद तक काम पूरा कर लिया गया है।
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में राज्यों के साथ साझेदारी में लागू होने वाले जल जीवन मिशन (जेजेएम) की शुरुआत की थी। पीने के पानी से जुड़ा काम राज्य सरकार देखती है इसीलिए, जल जीवन मिशन के तहत पानी की सप्लाई सहित, योजना को सही तरीके से लागू करने और उसके रख रखाव की ज़िम्मेदारी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की ही है।
भारत सरकार इस संबंध में तकनीकी और आर्थिक रूप से राज्यों का सहयोग करती है।
सरकार का कहना है कि जल जीवन मिशन की शुरुआत के बाद से देश के गाँवों के घरों तक नल से पानी की पहुँच बढ़ाने में तेज़ी से काम हुआ है।
अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत में सिर्फ 3.23 करोड़ (16.8 प्रतिशत) गाँव के घरों में ही नल से पानी के कनेक्शन होने की जानकारी थी। वहीं अब तक, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की तरफ से 7 दिसंबर 2023 को दी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 10.53 करोड़ अलग से गाँव के परिवारों को जल जीवन मिशन के तहत नल से पानी का कनेक्शन दिया गया।
Congratulations to West Kameng district for attaining ‘Har Ghar Jal’ status!
This success, achieved under the leadership of Hon’ble PM Shri @narendramodi ji & the dedicated efforts of Hon’ble CM Shri @PemaKhanduBJP ji, is a significant step towards govt’s commitment for clean… pic.twitter.com/1x4Py1BZ5h
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) December 8, 2023
इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के 19.24 करोड़ गाँव के परिवारों में से करीब 13.76 करोड़ (71.51 प्रतिशत) परिवारों के घरों में नल से पानी की सप्लाई होने की जानकारी दी गई है।
गाँव के समुदायों और पंचायतों के बीच स्वामित्व की भावना पैदा करने के लिए जल आपूर्ति प्रणालियों से संबंधित सभी फैसलों में गाँव स्तरीय योजना और सामुदायिक भागीदारी के सभी पहलुओं को इस योजना में शामिल किया गया है।
राजीव चन्द्रशेखर के मुताबिक महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए मिशन के तहत जोर दिया जाता है। यही वजह है कि गाँव पंचायतों की 5.29 लाख से अधिक उप-समिति,उपयोगकर्ता समूह यानी ग्राम जल और स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) या पानी समिति, जिसमें कम से कम 50 प्रतिशत महिला सदस्य हैं, उनके सहयोग से समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए ये प्रतिनिधित्व का गठन किया गया है।
राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय जल राज्य मंत्री ने कहा कि इन सभी को गाँव में पानी की सप्लाई की योजना बनाने उसे लागू करने और रखरखाव के लिए समूह में रखा गया है।
फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) के जरिए पानी के नमूनों का परीक्षण करने के लिए हर गाँव से पाँच महिलाओं को चुना जाता है और फिर उन्हें इसका प्रशिक्षण दिया जाता है। अब तक 23.36 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है और साल 2023-24 में फील्ड टेस्ट किट के जरिए अब तक 82.05 लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया है।
14,000 से अधिक गैर सरकारी संगठन, वीओ, महिला स्वयं सहायता समूहों, सीबीओ, और ट्रस्ट फाउंडेशन जिन्हें आईएसए कहा जाता है, उनको गाँव में पानी सप्लाई, सहयोग, प्रबंधन और रखरखाव के सभी स्तरों पर महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए देश भर में लगाया गया है।