महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष की तरह इस बार भी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देश की कुछ चुनिंदा महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित करेगा।
महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने को लेकर यह पुरस्कार राष्ट्रपति के हाथों से दिया जाता है। आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का सप्ताह भर चलने वाला समारोह नई दिल्ली में एक मार्च, 2022 को शुरू हुआ था। सप्ताह भर चलने वाले इस समारोह का समापन नारी शक्ति पुरस्कार वितरण से होगा।
पुरस्कार वर्ष 2020 और 2021 के लिये हैं और राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द आठ मार्च, 2022 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पुरस्कार प्रदान करेंगे। वर्ष 2020 का पुरस्कार समारोह कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में आयोजित नहीं हो पाया था।
सभी 28 पुरस्कार (वर्ष 2020 और 2021 के लिये 14-14) 29 हस्तियों को दिए जाएंगे। ये पुरस्कार उन लोगों को दिये जायेंगे, जिन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण, खासकर जोखिम वाली और सीमान्त महिलाओं के लिये काम किया है।
‘नारी शक्ति पुरस्कार’ व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किये जाने वाले उत्कृष्ट योगदानों को मान्यतास्वरूप महिला और बाल विकास मंत्रालय की पहल के तहत दिए जाते हैं। ये पुरस्कार उन महिलाओं को दिये जाते हैं, जिन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महती कार्य किया हो।
वर्ष 2020 के लिये नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में विभिन्न क्षेत्रों की महिलायें शामिल हैं, जैसे उद्यमशीलता, कृषि, नवोन्मेष, सामाजिक कार्य, कला, दस्तकारी, एसटीईएमएम तथा वन्यजीव संरक्षण। वर्ष 2021 के लिये नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं में भाषा-विज्ञान, उद्यमशीलता, कृषि, सामाजिक कार्य, कला, दस्तकारी, मर्चेंट नेवी, एसटीईएमएम, शिक्षा, साहित्य, दिव्यांगजन अधिकार आदि क्षेत्रों की महिलायें शामिल हैं।
नारी शक्ति पुरस्कार 2020
- अनिता गुप्ता, बिहार (सामाजिक उद्यमशीलता
- उषाबेन दिनेशभाई वसावा, गुजरात (जैविक किसान और जनजातीय स्वयंसेवी
- नासिरा अख्तर, जम्मू एवं कश्मीर (नवोन्मेषी – पर्यावरण संरक्षण
- संध्या धर, जम्मू एवं कश्मीर (समाज सेवी
- निवृत्ति राय, कर्नाटक (कंट्री हेड, इंटेल इंडिया
- टिफेनी ब्रार, केरल (समाजसेवी – दृष्टि बाधितों के लिये कार्य
- पद्मा यांगचान, लद्दाख (लद्दाख क्षेत्र में भूली-बिसरी पाक कला और वस्त्र को दोबारा जीवित करना
- जोधाइया बाई बैगा, मध्य प्रदेश (जनजातीय बैगा चित्रकार
- सायली नंदकिशोर अगवाने, महाराष्ट्र (डाउन सिंड्रोम से पीड़ित कथक नृत्यांगना
- वनिता जगदेव बोराडे, महाराष्ट्र (सांपों को बचाने वाली पहली महिला बचावकर्ता
- मीरा ठाकुर, पंजाब (सिक्की ग्रास कलाकार
- जया मुथू, तेजम्मा (संयुक्त रूप से) तमिलनाडु, कलाकार – टोडा कढ़ाई
- इला लोध (मरणोपरान्त), त्रिपुरा (प्रसूति विज्ञानी और स्त्री रोग विशेषज्ञ
- आरती राणा, उत्तर प्रदेश (हथकरघा बुनकर और शिक्षक
नारी शक्ति पुरस्कार 2021
- सथुपति प्रसन्ना श्री, आंध्रप्रदेश (भाषा-विज्ञानी – अल्पसंख्यक जनजातीय भाषा का संरक्षण
- तागे रीता ताखे, अरुणाचल प्रदेश (उद्यमी
- मधुलिका रामटेक, छत्तीसगढ़ (समाजसेवी
- निरंजनाबेन मुकुलभाई कालार्थी, गुजरात (लेखिका और शिक्षाशास्त्री
- पूजा शर्मा, हरियाणा (किसान और उद्यमी
- अंशुल मल्होत्रा, हिमाचल प्रदेश (बुनकर
- शोभा गस्ती, कर्नाटक (समाज सेवी – देवदासी प्रथा उन्मूलन के लिये कार्य
- राधिका मेनन, केरल (कप्तान मर्चेंट नेवी – आईएमओ द्वारा समुद्र में असाधारण वीरता दिखाने के लिये पुरस्कृत पहली महिला
- कमल कुम्भार, महाराष्ट्र (सामाजिक उद्यमी
- श्रुति महापात्रा, ओडिशा (दिव्यांगजन अधिकार कार्यकर्ता
- बतूल बेगम, राजस्थान (मांड और भजन लोक गायन
- तारा रंगास्वामी, तमिलनाडु (मनोचिकित्सिक और शोधकर्ता
- नीरजा माधव, उत्तर प्रदेश (हिन्दी लेखिका – ट्रांसजेंडरों और तिब्बती शरणार्थियों के लिये कार्य
- नीना गुप्ता, पश्चिम बंगाल (गणितज्ञ