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चाँद की सफलता के बाद अब इसरो खोलेगा सूरज के ये राज़

भारत का सूर्य मिशन अब नयी खोज पर है। चाँद की सफलता के बाद इसरो ने सूरज से जुड़े अनसुलझे सवालों का जवाब तलाशने के लिए आदित्य एल1 रवाना कर दिया है।
#AdityaL1

चंदा मामा के बाद अब सूरज देवता के घर की जानकारी मिलने वाली है। जी हाँ, हमारे वैज्ञानिक सूरज के रहस्यों का पता लगाने में जुट गए हैं।

इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने आदित्य एल1 को सूर्य के लिए श्रीहरिकोटा स्थित पीएसएलवी रॉकेट द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च कर दिया है। इस मिशन से दुनिया को कई ऐसे सवालों के जवाब मिल सकेंगे जो हम सोच भी नहीं सकते थे।

आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला मिशन है। इसरो ने इसे पहला अंतरिक्ष आधारित वेधशाला श्रेणी का भारतीय सौर मिशन कहा है। इसरो के मुताबिक मिशन सूर्य का ठीक से अध्ययन करने के लिए सात वैज्ञानिक पेलोड का एक सेट भेजा गया है।

इस अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंजियन बिंदु 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने की योजना है जो पृथ्वी से करीब 15 लाख किमी दूर है। लैग्रेंजियन बिंदु उसे कहते हैं जहाँ दो वस्तुओं के बीच काम करने वाले सभी गुरुत्वाकर्षण बल एक-दूसरे को कमज़ोर कर देते हैं।

आदित्य एल-1 सूर्य के वायुमंडल का सबसे बाहरी भाग की बनावट और इसके तपने की प्रक्रिया, सौर विस्फोट,रफ़्तार, सौर हवाएं ,अंतरिक्ष के मौसम को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन करेगा। इसरो के मुताबिक सोलर अल्ट्रा-वायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी) नामक पेलोड अल्ट्रा-वायलेट (यूवी) के करीब सौर प्रकाशमंडल और क्रोमोस्फीयर की तस्वीरें भी लेगा

सूर्य निकटतम तारा है इसलिए अन्य तारों की तुलना में इसका अधिक विस्तार से अध्ययन किया जा सकता है। सूर्य का अध्ययन करके हम अपनी आकाशगंगा के तारों के साथ-साथ कई अन्य आकाशगंगाओं के तारों के बारे में भी जान सकते हैं।

इसरो के मुताबिक लॉन्च से एल1 तक के पूरे सफर में आदित्य-एल1 को लगभग चार महीने लगेंगे।

देश के सूर्य मिशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी है । उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है, “संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे। ”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसरो की पूरी टीम को बधाई दी है।

सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, “संपूर्ण मानवता की सेवा के ध्येय के साथ आज ‘नए भारत’ की सामर्थ्य का प्रतीक PSLV-C57/Aditya-L1 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया। आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में 140 करोड़ देश वासियों की आशाओं का ‘नया सूर्य’ बने… इस प्रतिष्ठित मिशन की पूर्ण सफलता के लिए अनेक मंगलकामनाएं! चंद्रमा के साथ ही अब सूर्य भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ की शक्ति का साक्षी बनेगा।”

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