महाकुंभ 2025 में चकाचक सफाई इंतज़ाम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी से कमर कस ली है।
कुंभ क्षेत्र को साफ रखने के लिए यहाँ पर करीब डेढ़ लाख शौचालय बनाए जाएँगे और क्षेत्र को पूरी तरह से ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) रखने का प्रयास है।
4 हज़ार हेक्टेयर में स्थापित किए जाने वाले पूरे कुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा जाएगा। सरकार ने तकरीबन ढाई हज़ार करोड़ का बजट तय किया है। इसके लिए 52 हज़ार से अधिक सामुदायिक शौचालय, 53 हज़ार से अधिक टेंटों में शौचालय, पार्किंग और अप्रोच सड़कों पर 14 हज़ार से अधिक शौचालय और 20 हज़ार से अधिक पब्लिक यूरिनल (मूत्रालय) यानी कुल मिलाकर तकरीबन डेढ़ लाख शौचालयों का निर्माण किया जाएगा।
इसके साथ ही 25 हज़ार से अधिक डस्ट/वेस्ट बिन, 120 टिपर-हॉपर ट्रक, 40 कॉम्पैक्टर, 9800 स्वच्छता कर्मी और 1800 स्वच्छता वालेंटियर्स पूरे मेला क्षेत्र में साफ सफाई की व्यवस्था संभालेंगे।
इसके अलावा मेला क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए 20 किलोग्राम क्षमता वाले इन डस्ट-वेस्ट बिन को 25-25 मीटर के दायरे में रखा जाएगा। हर दिन तीन बार इन डस्टबिन को साफ किया जाएगा।
सामुदायिक शौचालयों का 60 फीसदी सेप्टिक टैंक के जरिए इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं, 40 फीसदी शौचालयों को सोकपिट पर आधारित रखा जाएगा। शौचालयों के साफ-सफाई के साथ ही स्वच्छता कर्मी ऐप के जरिए हर एक टॉयलेट के स्टेटस को अलग अलग पैरामीटर पर चेक करते हुए सैनिटेशन तय करेंगे।
कंट्रोल रूम के जरिए भी शौचालयों की स्वच्छता को लेकर निगरानी की जाएगी। हर एक शौचालय के बाहर लगे क्यूआर कोड के जरिए वहाँ आने वाले श्रद्धालु भी गंदे शौचालयों से संबंधित शिकायत कर सकेंगे। साथ ही स्वच्छाग्रहियों (स्वच्छता वॉलंटियर्स) की टीम लगातार शौचालयों की मॉनिटरिंग करेगी।