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आम महोत्सव: किसानों और कृषि उद्यमियों के साथ ही आम प्रेमियों को भी मिल रहा एक बेहतरीन मंच

किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए बाजार उपलब्ध कराने के लिए आयोजित आम महोत्सव में यूपी ही नहीं देश के अलग-अलग प्रदेशों के किसान शामिल हुए।
#Mango Food Festival

लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में लगा आम महोत्सव सभी के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आम महोत्सव में अलग अलग तरह के स्टॉल लगे हैं। सबसे खास बात यह है कि महोत्सव लगे हुए स्टालों की तादाद 75 हैं, क्योंकि भारत को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं।

अवध शिल्प ग्राम में प्रवेश करते ही दाहिने तरफ आम से बने उत्पाद के स्टॉल लगे हुए हैं, जिन पर लोगों की भीड़ दिन ढलने के साथ ही बढ़ती ही जा रही है।

अवध शिल्प ग्राम के बीच में मौजूद ग्राउंड में आम चौक का पंडाल लगा हुआ है जहां सांस्कृतिक और ज्ञान संवर्धन कार्यक्रम हो रहे हैं। पीछे के हिस्से में बने हाल में आम और आम के पौधों के स्टॉल लगे हुए हैं, जहां से लोग आम और उसके पौधों की खरीदारी कर रहे हैं।

इस बार आम महोत्सव में आम पौधशाला, आम बाजार, अजब ग़ज़ब आम, आम पकवान, आम चौक और आम इनाम कार्यक्रम लोगों के मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

75 का खास ध्यान

वर्ष 1947 में हमारा देश आजाद हुआ था, हमारे देश को आजाद हुए 75 साल गुजर चुके हैं स्वतंत्रता के 75 वें वर्षगांठ पर शुरू हुआ आजादी का अमृत महोत्सव जिसको भारत सरकार ने 15 अगस्त 2023 तक मनाने का फैसला किया है।

इस आम महोत्सव में भी 75 का खास ध्यान रखा गया है, आम बाजार में 75 किसान अपना आम बेचेंगे। आम पौधशाला में 75 तरह के आम के पौधे होंगे जिनको कोई भी खरीद सकता है। आम पकवान में 75 विविध आम के व्यंजन और आम चौक में 75 विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।

आमों की विशेष प्रदर्शनी

उत्तर प्रदेश में लगभग 1 हज़ार तरह के आम पाए जाते हैं। महोत्सव में लगी प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों के उद्यान विभाग अपने आमों की प्रदर्शनी लगाए हैं।

सहारनपुर उद्यान विभाग के संजीव कुमार गाँव कनेक्शन को बताते हैं, “मैं विभागीय प्रदर्शनी का स्टॉल लगाने के लिए आया हूं, हमारे यहां करीब 111 तरह के आम होते हैं।”

डम्बर सिंह जो जिला उद्यान बागपत में उद्यान निरीक्षक हैं उन्होंने भी अपने आमों की प्रदर्शनी लगाई हैं। उनके स्टॉल पर एक खास तरह का आम मौजूद है, जो चूसने में काफी मजेदार है।

डम्बर सिंह ने गाँव कनेक्शन से उस आम के बारे में बताते हुए कहा, “यह रटोल वैरायटी का आम है, यह वैरायटी हमारे गाँव रटोल में होती है।” वह आगे बताते हैं, “इस आम को जीआई टैग मिल चुका है, यह काफी अच्छा आम है, इस आम को चूस कर खाने में काफी मजा आता है।”

प्रदर्शनी में विदेशी आम

प्रदर्शनी में कुछ आम विदेशी वैरायटी के भी हैं। लेकिन यह सब आम उत्तर प्रदेश के किसी बाग या किसी उद्यान केंद्र में उगाए गए हैं। सहारनपुर उद्यान विभाग के संजीव कुमार बताते हैं, “कुछ किस्में विदेशी हैं, लेकिन सभी को सहारनपुर उद्यान विभाग में ही तैयार किया गया है।”

एक आम व्यापारी जो आमों का स्टाल लगाए हुए हैं , उनके स्टाल पर कुछ अलग अलग वैरायटी के आम है, जो ऊपर से सुर्ख और नीचे जर्द हैं, इन आमों के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया, “यह विदेशी आम हैं, यह ऑस्टिन है और यह टॉमी है, इनके पौधों को लखनऊ में लगाया गया है, और यह सब आम यहीं के बागों में तैयार हुए हैं।”

उन्होंने आगे बताया, “इन दोनों आमों में खुशबू बहुत ज्यादा और काफी होती है लेकिन मिठास कम होती है इसलिए मधुमेह का मरीज भी इन आमों को खा सकता है।”

गमलों में भी लगा सकते हैं पौधे

महोत्सव में आम के पौधों के भी स्टॉल लगे हुए हैं। जहाँ तरह तरह के आम पौधे हैं। लोग घरों में गमलों में लगने वाले अमरपाली आमों की तरफ ज्यादा आकर्षित दिखें।

बागपत उद्यान केंद्र के डम्बर सिंह आम्रपाली की विशेषता बताते हुए कहते हैं, “आम्रपाली हर साल फल देता है, यह छोटे पर से ही फल देते है इसके पेड़ को घर में ही लगाया जा सकता है।”

एक मलिहाबाद के आम व्यापारी ने बताया, “यह एक स्पेशल आम है, इसमें रेशा नहीं होता है, इसके पौधे को गमले में भी लगाया जा सकता है।”

आम महोत्सव घूमने आए लखनऊ के आनंद मौर्य बताता हैं, “यह बहुत अच्छी बात है कि लोग आम के पौधे खरीद कर ले जा रहे हैं, यह एक सकारात्मक प्रयास है।” वह आगे बताते हैं, “आम के पौधे लगाने के दो फायदे हैं, खाने के लिए फल मिलेगा तो शुद्ध हवा भी मिलेगी।”

आमों से बने उत्पाद के स्टालों पर दिखी भीड़

महोत्सव में आमों के बने प्रोडक्ट के स्टाल लगे हुए हैं, उन स्टालों पर आम के अचार, आम की बर्फी, आम का पन्ना, आम का मुरब्बा और आम की खट्टी मिठ्ठी चटनियां मिल रही हैं। जैसे जैसे शाम हो रही है उन स्टॉलों की तरफ भीड़ बढ़ती जा रही है।

माँ गायत्री फूड प्रोडक्ट्स फतेहपुर की मालविका सिंह ने भी अपना एक स्टॉल लगाया है जिस पर वह आम का अचार बेच रही हैं। वह बताती हैं, “यह मेरा आम का अचार है जिसको पांच बार राज्यपाल पुरस्कार मिल चुका है।”

मालविका सिंह बताती हैं, “हम अचार में सारी चीजें शुद्ध इस्तेमाल करते हैं, किसी भी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं। हम लोग आम के अलावा नींबू, मिर्च, अदरक और लहसुन का भी अचार बनाते हैं।”

आम महोत्सव में स्लो बाजार का विशेष स्टॉल

आम महोत्सव में आमों या आमों से बने प्रोडक्ट्स से हट कर कुछ खास अलग तरह के भी स्टॉल लगे हुए हैं, उन्हीं में से एक है स्लो बाजार का स्टॉल, जहां चिया सीड्स, अनार दाना गोली, सरसों तेल, पहाड़ी हल्दी, देसी घी, गुलकंद और बच्चों के लकड़ी के खिलौने मिल रहे हैं।

स्लो बाजार पर बिकने वाला हर प्रोडक्ट्स शत प्रतिशत नेचुरल होता है। स्लो स्टॉल पर मौजूद अजीत कुमार बताते हैं, “स्लो बाजार के सभी प्रोडक्ट्स नेचुरल होते हैं जैसे यह कोल्ड प्रेस तेल है, बाजार में बिकने वाला तेल मशीन से निकाला जाता है, जहां तापमान ज्यादा होने की वजह से तेल से पौष्टिक तत्व खत्म हो जाते हैं लेकिन हम कोल्ड प्रेस मशीन से तेल निकालते हैं जिसमें कम मात्रा में तेल निकलता है और काफी समय भी लगता है लेकिन तेल के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में रहते हैं।”

स्लो बाजार अपने सारे प्रोडक्ट्स डायरेक्ट किसानों से खरीदता है ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा पहुंचाया जा सके। रमेश चंद्र पांडेय जो स्लो बाजार से लगभग दो साल से जुड़े हुए हैं। और उनको स्लो बाजार से काफी अच्छा मुनाफा हो रहा है, और उनकी मार्केट में अलग वैल्यू बन रही है।

रमेश ने गाँव कनेक्शन से खुशी से बताते हुए कहा, “मैं गुड़ के सामान बनाता हूं, मेरी सारी चीजें स्लो बाजार पर बिक रही हैं, हम लोग स्लो बाजार से काफी दिनों से जुड़े हुए हैं और हम को बहुत अच्छा लाभ हो रहा है।”

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