स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में भारत की 7500 किलोमीटर लंबी समुद्री तटरेखा की सफाई के लिए चल रहे अभियान के अंतर्गत कई तरह की गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
इन गतिविधियों में शून्य अपशिष्ट संकल्प (Zero Waste Pleadge), प्लास्टिक टू प्रीशियस (Plastic to Precious), वेस्ट ऑडिट (Waste Audit), मॉनसून बीच फेस्टिवल (Monsoon Beach Festival), इको-सेल्फी (Eco-Selfie), बाइक टू बीच (Bike to Beach), प्लास्टिक से आज़ादी, माई कोस्ट (My Coast), ऑर चॉइसेस (R Choices), ‘रजिस्टर किया क्या’ (Register Kiya Kya), टीचर्स-डे (Teachers Day), मार्क योर बीच (Mark Your Beach), और टीम-अप-टू-क्लीन-अप (Team up to Clean up) शामिल हैं।
75 दिवसीय यह अभियान मुख्य रूप से जन-भागीदारी पर आधारित है, जिसका प्रमुख उद्देश्य समुद्री स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना, और उन्हें दैनिक जीवन में प्लास्टिक, जो समुद्री कचरे का एक प्रमुख घटक है, के सुविचारित उपयोग और प्रबंधन के लिए प्रेरित करना है। सभी तटीय राज्यों और द्वीप समूहों के चुनिंदा 75 तटों पर कुछ विशिष्ट गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
.Various departments and ministries of the government and organizations from all over India will be engaging with the #SwachhSagarSurakshitSagar coastal clean up campaign organized by @moesgoi , in full capacity.@DrJitendraSingh pic.twitter.com/LnxslH21xJ
— BiotechIndia (@DBTIndia) July 19, 2022
जिन 75 तटों पर ‘स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर’ नामक यह अभियान चलाया जा रहा है, उनमें दमन का देवका और जंपोर तट; महाराष्ट्र का जुहू, गिरगाँव चौपाटी, मांडवी, मुरुड, चिखले तट; गोवा का मीरामर, बायना, बोगमालो, वेलसाओ व कोलवा; केरल का बेपोर, चेरई, कोवालम; कर्नाटक का पन्म्बूर, मालपे, गोरटी; लक्षद्वीप का मूला, पोरबंद का चौपाटी तट, सूरत का डांडी तट; चेन्नई का मरीना बीच; पुद्दुचेरी का गांधी तट, पश्चिम बंगाल का दीघा बीच, ओडिशा का पारादीप तट, और अंडमान निकोबार द्वीप समूह का दिगलीपुर, मायाबंदर, रंगट और पोर्ट ब्लेयर तट शामिल हैं।
‘शून्य अपशिष्ट संकल्प’ के अंतर्गत पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर सफाई योजना, ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड में प्लास्टिक के उपयोग के खिलाफ संकल्प के लिए अभियान चलाया जा रहा है। ‘प्लास्टिक टू प्रीशियस’ पहल के अंतर्गत प्लास्टिक कचरे से उपयोगी अथवा सजावटी चीजें बनाने के लिए स्कूली छात्रों के लिए कला प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
घरों में अपशिष्ट के समुचित प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए वेस्ट ऑडिट (Waste Audit) पर जोर दिया जा रहा है, तो दूसरी ओर तटीय क्षेत्रों के आसपास रहने वाले मछुआरों और अन्य समुदायों को अपने नज़दीकी तटों पर ‘मानसून बीच फेस्टिवल’ आयोजित किया जाएगा। पॉलीथिन, बैग्स, बोतलें, बॉक्स इत्यादि जैसी दैनिक उपयोग की प्लास्टिक वस्तुओं का नवोन्मेषी एवं इको-फ्रेंडली तरीके से निस्तारण को प्रोत्साहन देने में इको-सेल्फी पहल प्रभावी भूमिका निभा रही है।
हमारे समुद्र सुरक्षित होंगे तो हमारा जीवन भी सुरक्षीत होंगे। #SwachhSagarSurakshitSagar अभियान का हिस्सा बनने के लिए Eco Mitram App डाउनलोड कर रेजिस्ट्रेशन करें। pic.twitter.com/LBdmYqEHS8
— MoES GoI (@moesgoi) July 19, 2022
आगामी 17 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस के अवसर पर इस अभियान का समापन होगा। अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस के अवसर पर, भारत के सभी नौ तटीय राज्यों एवं द्वीप समूहों में फैली करीब 7500 किलोमीटर लंबी तटरेखा के प्रत्येक किलोमीटर पर 75 वलंटियर्स की श्रृंखला दुनिया को समुद्री स्वच्छता का संदेश देगी। इस प्रकार, अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस के मौके पर 5.5 लाख से अधिक लोग ‘स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर’ अभियान का हिस्सा बनेंगे।
इस अभियान में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ-साथ देश के प्रमुख कॉरपोरेट्स, शिक्षण संस्थान एवं गैर-सरकारी संस्थान हिस्सा ले रहे हैं। यह अभियान, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES), पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), भारतीय तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), सीमा जागरण मंच, एसएफडी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), पर्यावरण संरक्षण गतिविधि (PSG), और अन्य सामाजिक संगठनों एवं शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी पर आधारित है।
‘स्वच्छ सागर – सुरक्षित सागर’ अभियान के माध्यम से तटीय जल, तलछट, बायोटा और समुद्र तटों जैसे विभिन्न मैट्रिक्स में समुद्री कचरे पर वैज्ञानिक डेटा और जानकारी एकत्र करने के लिए शोध एवं विकास संबंधी प्रयासों को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। अभियान के बारे में जागरूकता प्रसार, और 17 सितंबर 2022 को समुद्र तट की सफाई गतिविधि से स्वैच्छिक रूप से जुड़ने और इसके लिए पंजीकरण करने के लिए आम लोगों के लिए एक मोबाइल ऐप – “इको मित्रम्” लॉन्च किया गया है।