लहुरियादह (मिर्जापुर), उत्तर प्रदेश। एक बदलाव के लिए, लहुरियादह गाँव जिस सूखी पहाड़ी पर स्थित है, वहां उत्सव जैसा माहौल है। 24 मई को जब गाँव कनेक्शन ने गाँव का दौरा किया, तो पारा 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास हो गया, लेकिन बच्चे पानी की आपूर्ति करने के लिए मिर्जापुर के हललिया ब्लॉक में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस दूरदराज के गाँव में आए पानी के टैंकर के आसपास खुशी से नहा रहे थे।
पिछले 20 वर्षों से पानी की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी के टैंकरों पर निर्भर इस गाँव में वयस्क प्रति व्यक्ति 15 लीटर पानी के पहले प्रतिबंध के बिना, जितनी जरूरत हो उतना टैंकरों से पानी लाने में व्यस्त थे।
“पहले हमें एक डब्बा (15 लीटर वजन का एक प्लास्टिक कनस्तर) से ज्यादा पानी नहीं ले सकते थे, लेकिन अब किसी के लिए पानी की मात्रा की कोई सीमा नहीं है, “65 वर्षीय गुलाबिया, जोकि की लहुरियादह में रहती हैं ने गाँव कनेक्शन को बताया।
उन्होंने कहा, “इसने मेरे जैसे लोगों के लिए बहुत सारे मानसिक और शारीरिक तनाव को कम कर दिया है, क्योंकि पहले हमें जितना पानी आवंटित किया गया था, उससे अधिक पानी लाने के लिए हमें भीषण गर्मी में चार से पांच किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी।”
गाँव कनेक्शन की पानी यात्रा सीरीज का असर
गाँव कनेक्शन की सीरीज ‘पानी यात्रा’ के एक भाग के रूप में, पिछले महीने 12 मई को, गाँव कनेक्शन ने लहुरियादह गाँव में 975 ग्रामीण निवासियों की दुर्दशा पर एक ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित की, जो कम से कम 20 वर्षों गंभीर पानी की कमी से जूझ रहे हैं। गाँव पूरी तरह पानी के टैंकरों पर निर्भर है।
गाँव कनेक्शन की रिपोर्ट के बाद, 30 मई को, राज्य सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने एक प्रेस बयान जारी कर घोषणा की कि लहुरियादह को पानी की आपूर्ति करने वाले टैंकरों की संख्या बढ़ा दी गई है। साथ ही कहा कि गाँव में अब पानी की कोई कमी नहीं है।
“वर्तमान में, कुल नौ टैंकर 50,000 लीटर पानी की आपूर्ति कर रहे हैं, जो लगभग 50 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन है। 975 लोगों की आबादी वाले लहुरियादह गाँव में पानी की कोई कमी नहीं है।” प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, “पहाड़ी और चट्टानी इलाके में स्थित होने के कारण, लहुरियादह गाँव में भूजल स्तर गर्मियों में गिर जाता है और हैंडपंप और पानी के ऐसे अन्य स्रोत बेकार हो जाते हैं।”
लहुरियादह गाँव के निजी पानी के टैंकर आपूर्तिकर्ता आदित्य प्रसाद तिवारी ने गाँव कनेक्शन को बताया कि जिला प्रशासन द्वारा एक व्यक्ति के लिए एक दिन के लिए 15 लीटर पानी के प्रतिबंध को निलंबित कर दिया गया है।
तिवारी ने गाँव कनेक्शन को बताया, “मैं अब गांव में दस टैंकरों की आपूर्ति कर रहा हूं। पहले, पानी की आपूर्ति करने वाले पांच टैंकर थे। पानी के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है और ग्रामीण अब खुश हैं।” उन्होंने कहा कि पानी के एक टैंकर की कीमत 700 रुपये है।
मिर्जापुर में कम नल का पानी कवरेज
मिर्जापुर जिला, जहां लहुरियादह स्थित है, में पाइप से जलापूर्ति की कमी है। केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन – हर घर जल के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 9 जून, 2022 तक, जिले के 13. 84 प्रतिशत ग्रामीण घरों में पाइप से पानी के कनेक्शन हैं। कुल 348,498 घरों में से केवल 34,019 घरों को पाइप से जलापूर्ति से जोड़ा गया है।
कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में ग्रामीण घरों में पाइप से पानी का कवरेज 13.62 प्रतिशत है, जो देश में सबसे कम है। राष्ट्रीय स्तर पर, लगभग आधे ग्रामीण परिवारों (49.27 प्रतिशत) के पास पाइप से पानी के कनेक्शन हैं।
अधिकारी पानी के संकट के लिए लहुरिया देह गांव की पहाड़ी स्थलाकृति को जिम्मेदार ठहराते हैं। गाँव को पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन ने एक निजी पानी के टैंकर आपूर्तिकर्ता को ठेका दिया है, जिसे गाँव में पानी की आपूर्ति के लिए किराए पर लिया जाता है।
हालांकि, लहुरियादह में उनकी सभी दैनिक जरूरतों के लिए प्रति व्यक्ति 15 लीटर पानी का एक निश्चित कोटा तय किया गया था, जिसने विशेष रूप से गर्मी के महीनों के दौरान अपने निवासियों के जीवन को बेहद मुश्किल बना दिया था।
गाँव कनेक्शन की रिपोर्ट आने के बाद पानी की लिमिट हटा ली गई है और गाँव को अतिरिक्त पानी के टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है।
लहुरियादह निवासी रामबाबू यादव ने गाँव कनेक्शन को बताया, “पहले हमें एक दिन में केवल 15 लीटर पानी का उपयोग करने की सख्त मजबूरी का पालन करना पड़ता था, लेकिन अब मुझे खुशी है कि हम अपनी जरूरतों के अनुसार पानी का उपयोग करने के लिए आजाद हैं।”
हालांकि, गाँव में पशुपालन करने वाला समुदाय अभी भी दबाव में है क्योंकि जानवरों को अपनी प्यास बुझाने के लिए प्रतिदिन दो से तीन किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है।
विनोद कुमार यादव ने गाँव कनेक्शन को बताया, “एक गाय या भैंस को इस भीषण गर्मी से बचने के लिए बहुत ज्यादा पानी की जरूरत होती है। मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि मेरे जानवर इस गर्मी में जीवित रहें क्योंकि अभी भी गाँव में उनके पानी की कोई सुविधा नहीं है।” उन्होंने कहा, “मेरी आजीविका मेरे जानवरों पर निर्भर करती है और मुझे उम्मीद है कि प्रशासन गाँव में पशुपालक समुदाय की पानी की जरूरतों के लिए भी समाधान लेकर आएगा।”