शादी, बारात में आज भी जिन्दा है बधावा की परम्परा
मेरी ज़िन्दगी का एक दिन: लड़की बनकर नाचने वाले की कहानी
Deepanshu Mishra 10 July 2018 2:00 AM GMT
लखनऊ। शादी समारोहों के दौरान अक्सर गाजे-बाजे में इन्हें देखा जा सकता है, जब ये पुरुष समाज के बीच में महिला का रूप धर लोगों का मनोरंजन करते हैं। लोग खूब आनंद भी उठाते हैं, लेकिन गरीबी के कारण इस पेशे को अपनाने वाले लोगों को ना तो कलाकार माना गया और न ही उन्हें यथोचित सम्मान दिया गया। हां, ये जरूर हुआ कि औरत की नकल करने के कारण इनके नृत्य को अश्लील मान लिया गया।
लखनऊ के बख्शी का तालाब के कठवारा गाँव में रहने वाले सुनील (35 वर्ष) और सुजीत (40 वर्ष) दोनों लोग 'लड़का नाच' में माहिर हैं। दोनों भाई हैं। बधावा लेकर जब कभी जाते हैं तो सुनील जोकर बनते हैं और सुजीत एक लड़की का भेष बना कर डांस करते हैं। ये काम उन्होंने शुरू नहीं किया, बल्कि उनके परिवार में काफी समय से होता आ रहा है।
सुनील बताते हैं, "हमारा पूरा बचपन इसी बधावा में गुजर गया है। बचपन से ही हम ये काम करना शुरू कर दिए थे और अभी तक कर रहे हैं। यह काम हमारे घर में हमारे पिता जी भी किया करते थे। हमारे बच्चे हैं उनको जिन्दा रखने के लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा। हमारे घर में ये काम पहले से होते भी था तो हमने शुरू कर दिया। बधावा शादी, बारात में किया जाता है।"
कुछ समय पहले तक शादी -विवाह एवं अन्य ग्रामीण समारोहों में लड़का नाच जरूर होता था, पर अब इसका प्रचलन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। अब तो डीजे की धुन पर बच्चे हों या जवान, कमर मटकाने लगे हैं। इसके कारण लड़का नांच करने वालों की कमाई पर असर पड़ा है। पहले जहां नाच-गाने के पेशे से वे अच्छी कमाई कर लिया करते थे, अब मांग कम होने से उन्हें दूसरी ओर रुख करना पड़ रहा है।
"दुनिया में जैसे सब अपना नाम कमाना चाहते हैं वैसे ही हम भी अपना नाम कमाना चाहते हैं। हमारा नाम होगा अगर इंसान हमसे खुश रहेंगे तो हमें ढूढ़कर फिर से मिलेंगे। लड़का नाच के लिए हमारी पांच लोगों की टीम चलती है, जिसमें एक ढोलक वाला, एक नाचने वाला, एक हारमोनियम बजाने वाला, एक जोकर और एक रम्भा बजाने वाला होता है।" सुजीत ने बताया।
"शादी, बारात खत्म हो जाने पर हम बरसात के समय छाता बनाने का काम करते हैं। इसके अलावा हमारी कॉस्टमेटिक की दुकान है वहां पर सामान बेचते हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए ये सब करते हैं इन सब के अलावा हम मजदूरी भी करते हैं।"
क्या है 'लड़का नाच'
अक्सर शादी समारोह में बैंड-बाजे का आयोजन होता है। उस बैंड-बाजे में लोगों के मनोरंजन के लिए लड़की का ड्रेस पहने लड़का बाजे की धुन पर मस्ती में नाचता है। वहीं, लोग भी उसके साथ झूमने लग जाते हैं। लड़का नाच की लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पूजा-पाठ हो या शादी के दौरान दूल्हे पक्ष के लोगों के स्वागत का समय, हर जगह बैंड-बाजे के साथ इस नृत्य को प्रस्तुत किया जाता है।
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