Teddy bear Day: करीब से जानिए टेडी बियर बनाने वाले कारीगरों की ज़िंदगी
Devanshu Mani Tiwari 9 Sep 2019 9:30 AM GMT
वेलेंनटाइन वीक आते ही बाज़ारों में सॉफ्ट ट्वायज़ और रंग बिरंगे टेडी बियर की मांग बढ़ जाती है। ये सॉफ्ट ट्वाएज़ दिखने में जितने सुंदर लगते हैं, इन्हें बनाने में उससे कहीं ज़्यादा मेहनत लगती है। उत्तर प्रदेश के झांसी ज़िले में सॉफ्ट ट्वायज़ बनाने के कारखाने बड़ी संख्या में हैं। इन कानखानों में काम करने वाले कारीगर कई वर्षों से टेडी बियर बनाने के काम में लगे हुए हैं। आइये जानते हैं झांसी के जाने माने सॉफ्ट ट्वायज़ बिज़नेस के बारें में।
झांसी ज़िले में पिछले 10 वर्षों से सॉफ्ट ट्वायज़ बनाने के कारोबार से जुड़े कारीगर आक़ीब वारसी ( 43 वर्ष) का पूरा परिवार टेडी बियर बनाने का काम करता है।सरकार की तरफ से ज़्यादा मदद न मिल पाने और मार्केट में चाइनीज़ सॉफ्ट ट्वायज़ की भरमार से झांसी में टेडी बियर बनाने वाले कई कारखानें बंद हो चुके हैं। आक़ीब बताते हैं,'' टेडी बियर बनाने के काम में अधिकतर कारीगर ग्रामीण महिलाएं व लड़कियां हैं। ज़्यादा पूंजी न हो पाने से कारीगर ज़्यादा स्किल्ड नहीं हो पा रहे हैं। सॉफ्ट ट्वाएज़ बनाने का कारखाना शुरू करने के लिए सरकार कोई भी योजना नहीं चला रही है। इससे यहां के कारोबार पर काफी असर पड़ा है।''
भारत में सबसे बड़ा सॉफ्ट ट्वाएज़ का कारोबार दिल्ली में होता है। दिल्ली में टेडी बियर बनाने के लिए रॉ मेटीरियल चाइना से आता है, फिर पूरे भारत में इस कारोबार से जुड़ी कंपनियां यह सामान खरीदती हैं। भारत में कलकत्ता, मुंबई, यूपी और दिल्ली में सॉफ्ट ट्वाएज़ का काम खास तौर पर किया जाता है।
बदलते समय के साथ साथ टेडी बियर बनाने के तरीकों में आ रहे बदलाव के बारे में कारीगर आक़ीब आगे बताते हैं, '' वक्त से साथ साथ टेडी बियर बनाने में कई तरह के बदलाव आएं हैं। पहले जो टेडी बियर बनाएं जाते थे, वो धुलने लायक नहीं रहते थें, आज वॉशेबल टेडीबियर मार्केट में आ चुके हैं। पुराने धागों की जगह अब सेंथिटिक फाइबर का इस्तेमाल किया जा रहा है, इससे टेडी बियर कई साल तक खराब नहीं होता है। टेडी बियर डिज़ाइनिंग भी अब कंप्यूटर से होने लगी है।''
झांसी में टेडी बियर बनाने का काम करने वाले कारीगरों के लिए वेलेंटाइन वीक कमाई का हफ्ता होता है। इस पूरे हफ्ते में इस काम से जुड़े कारीगरों को काफी काम मिलता है। साल भर में टेडी बियर की मांग अगस्त से शुरू होकर रक्षाबंधन और सालाना उर्स के मेलों में होती है। क्रिसमस वीक और न्यू ईयर में भी सॉफ्ट ट्वाएज़ की काफी डिमांड रहती है।
झांसी में टेडी बियर बनाने का कारखाना चला रहे मो. शकील बताते हैं, '' टेडी बियर बनाने वाले कारीगरों की हालत तब तक नहीं सुधर सकती है, जब तब इसे बनाने के लिए रॉ मेटीरियल की खरीद सीधे कारखानों को नहीं दी जाती है। अभी टेडी बियर बनाने का कच्चा माल दिल्ली से लाना पड़ता है, जिसमें काफी खर्चा हो जाता है। जब कारखाने कच्चामाल सीधे खरीदेंगे तो कारीगरों को भी अच्छा मेहनताना मिलेगा।''
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