जम्मू-कश्मीर : बूढ़ा अमरनाथ के दर्शन बिना पूरी नहीं होती अमरनाथ धाम की यात्रा
गाँव कनेक्शन 27 July 2017 5:13 PM GMT
जम्मू-कश्मीर। इन दिनों एतिहासिक अमरनाथ यात्रा चल रही है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि जम्मू में एक और भी अमरनाथ विराजमान हैं, जी हां जम्मू में भी भगवान शिव से जुड़ा एक और तीर्थ स्थल है, जिसे बुड्ढा अमरनाथ के नाम से जाना जाता है।
मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शनों के बिना अमरनाथ की कथा ही नहीं, बल्कि अमरनाथ यात्रा भी अधूरी है, कहा जाता है कि भगवान शिव माता पार्वती को अमरनाथ की गुफा में जो अमरता की जो कथा सुनाई थी उसकी शुरूवात इसी स्थान से हुई थी।
कैसे पहुंचे बुड्ढा अमरनाथ जी -
यह पवित्र स्थान जम्मू से 235 किमी दूर पुंछ जिले के राजापुर मंडी में स्थित है, स्वामी चंद्र चुड़ मनी जी ने बुड्ढा अमरनाथ जी के एतिहासिक शिवलिंग को उजागर किया था। यहीं पर उन्होंने समाधि भी ले ली जो आज भी शिवलिंग से थोड़ी दूरी पर स्थित है।
वीडियो यहां देखे-
साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है बुड्ढा अमरनाथ -
आश्चर्य की बात है कि हिन्दुओं का धार्मिक स्थल होने के बावजूद इसके आसपास कोई हिन्दू घर नहीं है और इस मंदिर की देखभाल यहां रहने वाले मुस्लिम परिवार तथा सीमा सुरक्षा बल के जवान ही करते हैं। बुड्ढा अमरनाथ का मंदिर चकमक पत्थर से बना हुआ है, यह सभी अन्य शिव मंदिरों से पूरी तरह से भिन्न है, मंदिर की चारदीवारी पर लकड़ी के काम की नक्काशी की गई है जो सदियों पुरानी बताई जाती है।
जिस प्रकार कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा में श्रावण पूर्णिमा के दिन मेला लगता है ठीक उसी तरह बुड्ढा अमरनाथ में प्रत्येक वर्ष एक विशाल मेला लगता है। त्रयोदशी के दिन पुंछ कस्बे के दशनामी अखाड़े से इस धर्मस्थल के लिए छड़ी मुबारक की यात्रा आरंभ होती है।
पुलिस की टुकड़ियां इस चांदी की पवित्र छड़ी को उसकी पूजा के उपरांत गार्ड ऑफ ऑनर देकर इसका आदर-सम्मान करती है और फिर अखाड़े के महंत द्वारा पुंछ से मंडी की ओर जुलूस के रूप में ले जाई जाती है। इस यात्रा में हजारों साधु तथा श्रद्धालु भी शामिल होते हैं।
अमित शर्मा, जम्मू-कश्मीर- स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट
More Stories