चिड़िया चाहे जितना भी उड़ ले, उसे लौटना तो अपने घोसले में ही है: पंकज त्रिपाठी

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लखनऊ। "सुबह चार चालीस की ट्रेन होती है, तो तीन बजे मैं और पिताजी साइकिल पर थोड़ा चावल, दाल और सरसों का तेल (घर का) लादकर पैदल-पैदल चले गये स्टेशन।" पंकज त्रिपाठी कहते हैं।

2004 में आई फिल्म रन से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत करने वाले पंकज त्रिपाठी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। हाल ही में आई वेब सीरीज मिर्जापुर ने उनके अभिनय को नये मुकाम पर पहुंचा दिया है। पिछले दिनों पंकज त्रिपाठी जब लखनऊ आए तो उनके और देश के सबसे चहेते स्टोरीटेलर नीलेश मिसरा के बीच गांव कुनौरा में बतकही का एक रोचक दौर चला। पंकज त्रिपाठी ने अपने गांव कनेक्शन के बारे में खूब बातें कीं। उस बीतचीत को कई एपिसोड में समेटा गया है। इस स्लो इंटरव्यू के दो एपिसोड रिलीज हो चुके हैं।

दूसरा भाग यहां देखें


     

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