जान जोखिम में डालकर महिलाएं जर्जर सुलभ शौचालय में जाने को मजबूर
गाँव कनेक्शन 10 May 2017 3:57 PM GMT
संगीता श्रीवास्तव, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
ढकनापुरवा (कानपुर नगर)। कानपुर के ढकनापुरवा में दो दशक पहले बने बने एकमात्र जर्जर सुलभ शौचालय में प्रतिदिन हजारों महिलाएं शौंच के लिए आती हैं। गोमती निषाद एक साल पहले इस सुलभ शौचालय में शौच के लिए आयी थीं। उनके ऊपर से छत का कुछ भाग गिर गया जिससे उनके सर में गम्भीर चोट आ गयी। लम्बे इलाज के बाद अब गोमती ठीक हो पायीं हैं।
गोमती की तरह इस शौचालय में प्रतिदिन आस-पास की बस्तियों से हजारों महिलाएं आती हैं। यहाँ साफ-सफाई न रहने से कई लोग तो बीमार पड़ जाते हैं और कई इस चिंता में रहते हैं कि कहीं ये जर्जर भवन उनके ऊपर गिर न जाए। 20 वर्ष पहले बने इस सुलभ शौचालय की स्तिथि बहुत दयनीय हो गयी है। बस्ती के द्वारा कई बार-बार इसकी साफ सफाई और जर्जर ईमारत की शिकायत की गयी है पर अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
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ढकनापुरवा बस्ती में रहने वाली गोमती निषाद (40 वर्ष) का कहना है, "जब से इस शौंचालय की छत का एक हिस्सा मेरे सिर पर गिरा है तब से मेरा सिर दर्द पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है।" वो आगें कहती हैं "अगर पैसे होते तो घर पर शौंचालय बनवा लेती, मजबूरी में इस सुलभ शौचालय का इस्तेमाल पड़ता है।" गोमती आगे बताती हैं, "इस शौचालय की सफाई हफ्ते में एक बार होती है, पानी भी पर्याप्त नहीं रहता है जिससे महिलाओं और लड़कियों को घर से ही बोतल में पानी लेकर जाना पड़ता है।"
सुलभ इन्टरनेशनल स्वयं सेवी संस्था की तरफ से 20 वर्ष पहले ढकनापुरवा बस्ती में शौचालय का निर्माण करवाया गया था। पुरुषों के शौचालय तो साफ़ रहते हैं पर महिलाओं के शौचालयों की स्तिथि बहुत खराब है। प्रतिदिन एक हजार महिलाओं के लिए सिर्फ चार शौचालय ही चालू हैं। सुबह तीन बजे से लम्बी लाइन लग जाती है जो 10 बजे तक चलती है। बस्ती की महिलाओं ने शिकायत की है कई बार शौच के दौरान गंदगी की वजह से उल्टियां होने लगती हैं और हफ्तों बीमार पड़े रहते हैं।
इस बस्ती में रहने वाली जिरिया देवी (55 वर्ष) का कहना है, "प्रतिदिन इस सुलभ शौचालय की सफाई करवाए जाए जिससे बस्ती के लोग बीमार न पड़े और उन्हें शौंच जाने में कोई असुविधा न हो।" वो आगे कहती हैं, "इस सुलभ शौचालय में मरम्मत की सख्त जरूरत है, नियमित तौर पर पानी उपलभ्ध कराया जाए जिससे हम महिलाओं की परेशानियों का समाधान हो सके। आस-पास इस सुलभ शौचालय के पास बहुत गंदगी पड़ी है जिसमे पूरे दिन सुअर लोटते रहते हैं जिससे बगल में चल रहे स्कूल के बच्चों को दिक्कत होती है।
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