इनके प्रयास से 100 से ज्यादा लड़के-लड़कियां हुए सेना में भर्ती

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पुष्पेंद्र वैद्य, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

आगर-मालवा (मध्य प्रदेश)। छोटे से एक गाँव निकलकर अब 109 लड़के-लड़कियां नौसेना, वायु सेना, पुलिस और सेना ज्वाइन कर चुके हैं, लेकिन इन सबके लिए वहां तक पहुंचना इतना आसान नहीं था। गाँव के माध्यमिक विद्यालय के अध्यापक उकार लाल यादव के प्रयास से ये सब हो पाया।

मध्य प्रदेश के आगर-मालवा जिले के तनोडिया गाँव के उकार लाल पिछले 11 सालों से बच्चों में देश सेवा का जुनून जगा रहे हैं। वह रोज सुबह-शाम युवाओं को फिजिकल ट्रेनिंग देते हैं। फिजिकल ट्रेनिंग के बाद वो लिखित परीक्षा की भी तैयारी करवाते हैं। ख़ास बात यह है कि अध्यापक इस काम के लिए बच्चों से किसी प्रकार की कोई फीस नहीं लेता है।

अध्यापक उकार लाल यादव माध्यमिक विद्यालय में शिक्षाकर्मी की नौकरी करते हैं। वह बचपन से ही देश और जनता की सेवा करने के लिए पुलिस विभाग में जाना चाहते थे। लेकिन पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण उकार लाल को सपनों की बली देनी पड़ी और परिवार के भरण पोषण के लिए स्कूल में शिक्षाकर्मी की नौकरी कर ली। वो बताते हैं, "हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और गांव में कोई मार्गदर्शक भी नहीं था, मुझे भी देश सेवा करनी थी, लेकिन सही मार्ग दर्शन न मिलने से असफल रहा, पुलिस सब इंस्पेक्टर के लिए भी गया वहां भी असफल रहा। तब मैंने सोचा क्यों न टीचर बनकर ही युवाओं में अलख जगाएं, तब से नि:शुल्क रूप से थनोडिया और आसपास के गाँव के युवाओं को ट्रेनिंग दे रहा हूं।"

उकार लाल आगर-मालवा जिले के तनोडिया गाँव में गंगा डिफेंस एकेडमी के नाम से अपना ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट चलाते हैं जिसमें वह गरीब बच्चों को मुफ्त में ट्रेनिंग देते है। वह रोजाना सुबह-शाम दो-दो घंटे सैकड़ो बच्चो को प्रशिक्षण देते हैं। उकार लाल के नि:स्वार्थ और नि:शुल्क प्रशिक्षण से युवाओं में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। गाँव के युवाओं का मानना है कि उकार लाल के कारण ही क्षेत्र के 109 लड़के-लड़कियों का नौसेना, वायु सेना, पुलिस और फौज में चयन हुआ है। कई बच्चे बहुत दूर से भी उकार लाल के पाद ट्रेनिंग के लिए आते हैं।


वो आगे कहते हैं, "अभी 109 बच्चे यहां से भर्ती हो चुके हैं और अभी जल्दी ही एक लड़की का भी चयन एमपी पुलिस में हुआ है।"

साल 2008 में जब गाँव के दो युवकों ने उकार लाल यादव को बताया कि गरीबी के कारण वह फ़ौज में नहीं जा पाए तो उकार लाल यादव के बचपन का सपना फिर जाग उठा। उन्होंने दोनों युवकों को शारीरिक और लिखित परीक्षा की ट्रेनिंग दी, जिससे दोनों युवकों का फ़ौज में चयन हो गया। इस पर गांव में युवाओं का विजय जुलूस निकालकर खुशिया मनाई गई।

बेरोजगार और गरीब लड़को की सफलता में खुद को सम्मान मिलता देख उकार लाल ने और गरीब बच्चों को ट्रेनिंग देना शुरू की। शुरुआत में उकार लाल को काफी संघर्ष करना पड़ा लेकिन जब बच्चे सफल होते गए तो उनकी हिम्मत भी बढ़ती गई। शुरुआत में सिर्फ लड़के उनके पास ट्रेनिंग के लिए आते थे लेकिन अब लड़कियां भी देश सेवा के लिए आगे आ रही है।

उकार लाल ने लड़कियों के मन में भी पुलिस और आर्मी में जाकर देश की सेवा करने का अलख जगाया है। लड़कियों की मानें तो वे भी गाँव की चौका चूल्हा की परिपाटी से बाहर निकलकर अब देश सेवा करना चाहती हैं। पिछले वर्ष दो बालिकाओं का चयन पुलिस में हो भी गया है।

कई ऐसे युवा है जो देश सेवा करना चाहते हैं लेकिन अधूरी जानकारी के चलते ये युवा कुछ खास कर नहीं पा रहे थे। मगर उकार लाल से आशा की किरण दिखाई दी और यादव द्वारा चलाये जा रहे प्रशिक्षण में तैयार करने के बाद आज कई युवाओं का चयन फ़ौज में हो गया है।

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