जिंदगी के लिए केमिस्ट्री टीचर का एक फॉर्मुला

शर्मा सर शराब के गलत असर पर अपने स्टूडेंट्स को लेक्चर देने में कभी नहीं चूके। एक दशक बाद, अपने छात्रों के एक स्कूल के रीयूनियन के दौरान, केमिस्ट्री टीचर पहले की तरह नहीं रहे और उन्होंने अपने पुराने छात्रों के साथ डांस भी किया। आखिर किस वजह से उन्होंने ऐसा किया? सुनिए कहानी रीयूनियन, एक कहानी जो शराब के दुरुपयोग के खिलाफ जागरुकता अभियान के लिए गांव कनेक्शन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बीच चल रहे एक साझा प्रयास का एक हिस्सा है

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स्कूल की फेयरवेल पार्टियों में, शर्मा सर शराब से दूर रहने और उसके गलत असर अपने छात्रों को 'लेक्चर' देने से कभी नहीं चूके। उन्होंने 12वीं क्लास को केमिस्ट्री पढ़ाई और यह भी अच्छी तरह से जानते थे कि उनके कई छात्रों ने पहली बार इन फेयरवेल पार्टियों में पहली बार शराब का स्वाद चखा था।

ऐसी ही एक कक्षा 12 की फेयरवेल पार्टी के दस साल बाद, शर्मा सर अपनी पिछली कक्षाओं में से एक के रीयूनियन का इनविटेशन पाकर हैरान रह गए। वो अक्सर सोचा करते थे कि क्या उन छात्रों ने उनकी बताई बातों पर ध्यान दिया है या फिर वो रीयूनियन में शराब पीते हुए दिखेंगे।

शर्मा सर की कहानी मेरी प्यारी जिंदगी नामक एक सीरीज का हिस्सा है, जो गांव कनेक्शन और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय (WHO SEARO) के बीच एक सहयोग है, जो शराब के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।

ऐसी ही एक पार्टी में अपने बेटे को खो दिया था

इसका एक गहरा कारण था कि शर्मा सर अपने स्टूडेंट्स को शराब के सेवन के खिलाफ चेतावनी देने में कभी असफल नहीं हुए। ऐसी ही एक पार्टी के बाद, उनका बेटा जब घर वापस जा रहा था और बेटे का एक्सीडेंट हो गया और उसकी मौत हो गई।

तब से शर्मा सर सवालों के घेरे में थे: क्या उनके बेटे को उसके दोस्तों ने शराब पीने के लिए मजबूर किया था? या उसने खुद से शराब पी होगी?

वह कभी नहीं जान पाए कि उस रात क्या हुआ था क्योंकि उसका बेटा मर गया था। लेकिन, शर्मा सर ने यह सुनिश्चित किया कि अपने स्टूडेंट्स की हर फेयरवेल में उन्हें आमंत्रित किया जाए, उन्होंने उनसे शराब से दूर रहने को कहा। उन्होंने सोचा कि आज जो स्टूडेंट्स मिल रहे थे, उनमें से कितने ने उनकी बातों पर ध्यान दिया।

और रीयूनियन में जो हुआ

शर्मा सर रीयूनियन में पहुंचे। उन्होंने जिन छात्रों को पढ़ाया था, उनमें से अधिकांश अब वे दुबले-पतले, किशोर नहीं थे जिन्हें उन्होंने याद किया था। वे अब सभी जवान एडल्ट हो गए थे। शिक्षकों को स्टेज पर आमंत्रित किया गया जहां उनका अभिनंदन किया गया।

जब शर्मा सर के अभिनंदन की बारी आई, तो उनके स्टूडेंट्स ने उन्हें अपनी बात से गर्व महसूस कराया।

"हम हमेशा आपके कर्जदार रहेंगे जिन्होंने हमें उस उम्र में सही रास्ता दिखाया जब स्टूडेंट्स अक्सर साथियों के दबाव के कारण शराब पीते हैं। आपको यह जानकर खुशी होगी कि हम शराब से दूर रहे हैं, और आप सभी का धन्यवाद, "उनके एक पुराने छात्र ने कहा।

शर्मा सर इतने खुश थे कि उस शाम अपने पुराने छात्रों के साथ डांस किया।

शराब का स्वास्थ्य पर प्रभाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा शराब और स्वास्थ्य 2018 पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट शीर्षक से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ पश्चिमी प्रशांत और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति शराब की खपत में वृद्धि हुई है।

इन क्षेत्रों में चीन और भारत के अत्यधिक आबादी वाले देश शामिल हैं। चीन में, शराब की प्रति व्यक्ति खपत 2005 में 4.1 लीटर से बढ़कर 2016 में 7.2 लीटर हो गई है। भारत में, शराब की प्रति व्यक्ति खपत 2005 में 2.4 लीटर से बढ़कर 2016 में 5.7 लीटर हो गई है।

साथ ही, डब्ल्यूएचओ इंडिया ने भविष्यवाणी की है कि 2030 तक, मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण देश को 1.03 ट्रिलियन अमरीकी डालर का आर्थिक नुकसान होगा और इन मानसिक स्वास्थ्य मुद्दे शराब के दुरुपयोग से जुड़े हुए हैं।


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