महाराष्ट्र में पार्टियों के घमासान के बीच इस किसान ने ऐसा क्या कहा कि सबको सुनना चाहिए

#farmers

महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच चल रहे सियासी उठापटक के बीच एक किसान की बात को सुनना चाहिए। ये किसान ऐसे गांव का रहने वाला है जहां कुछ दिनों पहले ही एक किसान के बेटे ने आत्महत्या की है। क्यों हैं मराठवाड़ा के ऐसे हालात ? किस हालात में जीता है किसान नरसिंह पाटिल की बातों से अंदाजा लगाया जा सकता

महाराष्ट्र में लातूर के किसान नरसिंह पाटिल किसानों के दर्द कुछ समझाते हैं, “खेती में खर्च (इनपुट) बहुत बढ़ गया है। किसान को जो मिलता है वो बहुत कम होता है। लागत और मुनाफे का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। किसी साल बारिश नहीं होती, किसी साल इतनी ज्यादा बारिश हो जाती है कि फसल चौपट, अगर दोनों बराबर हुए तो मंडी में किसान को भाव नहीं मिलता। किसान का घर चलाना मुश्किल हो गया है। हम बच्चों को ठीक से खाना नहीं खिला पा रहे। पढ़ाई का कैसे कराएं।” नरसिंह पाटिल कहते हैं, “हमारी (किसान) की हालत देखकर हमारे बच्चे बहुत टेंशन में रहने लगे हैं। कई बच्चों के आत्महत्या की ख़बरें आती हैं। दसवीं तक सब पढ़ जाता है, खर्च तो उसके बाद शुरू होते हैं। उसके बाद स्कूल, ट्यूशन, मेस का खर्च किसान कहां से उठाए। कई जवाब बच्चे मर रहे हैं, लड़कियां जान दे रही हैं क्योंकि वो अपने माता-पिता को दु:खी देख रही हैं। जमीन पर हालात बहुत खराब हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं।

संबंधित ख़बर यहां पढ़िए-  

कृषि संकट: किसानों के परिजन भी कर रहे आत्महत्या

Recent Posts



More Posts

popular Posts