यूपी: बदायूं में 22 गायों की यूरिया युक्त हरा चारा खाने से मौत, यह है पूरा मामला

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लखनऊ। गायों के सरंक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च चुके उत्तर प्रदेश राज्य में फिर गायों की मौत का मामला सामने आया है। बदायूं जिल के कछला गंगाघाट पर बनी अस्थाई गोशाला में बीते रविवार रात को अचानक 22 गायों की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक भूखी गायों ने जब ज्यादा मात्रा में हरा चारा खा लिया तो उनके शरीर में नाइट्रोजन की मात्रा अधिक हो गई जिससे उनकी मौत हो गई।

कछला नगर पंचायत में निराश्रित गोवंश के लिए सरकारी अस्थाई गौशाला का निर्माण किया गया था, जिसमें 76 गायें पाली जा रही थीं। रविवार शाम को उनको हरा चारा खिलाया गया था, जिसके बाद उनकी तबियत खराब हुई और दो घंटे के अंदर गायों ने दम तोड़ना शुरू कर दिया। इसमें 11 गायें, 3 बछिया 2 बछड़े और 4 सांड थे। गोवंश की मौत की सूचना पर डीएम, एसएसपी समेत तमाम अधिकारी पशु चिकित्सकों के साथ मौके पर पहुंचे और तत्काल गायों का इलाज शुरू कर दिया। इन गायों का आईवीआरआई में पोस्टमार्टम भी किया गया।

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बरेली स्थित भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ के.पी. सिंह ने बताया, ” पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिकगायों को जो हरा चारा दिया जो यूरिया युक्त था। क्योकि उस हरे चारे की कटाई जल्दी की गई इस वजह से उसमे नाइट्रोजन की मात्रा ज्यादा थी और गोशाला में जो जानवर थे वह भूखे थे। शाम को जब पशुओं को हरा चारा दिया गया तो जिन पशुओं ने कम समय में ज्यादा चारा खा गए उन गायों के शरीर मे नाइट्रोजन की मात्रा अधिक हो गयी जिससे उनकी मौत गई।” 


गायों की कब्रगाह न बन जाए यूपी, बदायूं में 22 गायों की यूरिया युक्त हरा चारा खाने से हुई मौत, यह है पूरा मामलाडॉ सिंह ने आगे कहा, ”गोशाला में 22 गायों की मौत हुई बाकी की गायों की स्थिति ठीक है। गोशाला में कर्मचारी को बोला गया है कि 80 प्रतिशत भूसा और 30 प्रतिशत ही हरे चारा मिलाकर गायों को चारा दिया जाए।” बदायूं जिले में अब तक कुछ साढ़े तीन सौ के करीब अस्थाई गोशालाएं चल रही हैं। 

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बदायूं में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल में गायों की मौत की यह कोई पहला मामला नहीं है। उत्तर प्रदेश में आए दिन गोशालाओं में धीरे-धीरे गायों की मौत हो रही है बस यह सुर्खियों में नहीं आती। हाल में यूपी के सीतापुर जिले के सदर तहसील की ऐलिया के देवई गाँव मे बनी अस्थाई गौशाला में अब पचास से अधिक गोवंश इलाज के अभाव में मर चुके हैं।

छुट्टा जानवरों की बढ़ती संख्या से किसानों को निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में गोशालाएं खोलने के निर्देश दिये थे। उन्होंने कहा था कि शहरी क्षेत्रों में भी गोवंश की सुरक्षा के लिए ऐसे केंद्रों, गोशालाओं की स्थापना करनी होगी, जहां पर छुट्टा पशुओं को सुरक्षित रखा जा सके और उनके चारे-पानी इत्यादि की व्यवस्था हो सके। गोशालाओं में बदइंतजामी के चलते कई अधिकारियों को निलंबित भी किया गया लेकिन लचर प्रबंधन और मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते गोशालाओं में हो रही ये मौतें कुछ और ही बयां कर रही हैं।

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