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छत्तीसगढ़ के इस किसान ने शुरू की ड्रैगन फ्रूट की खेती

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पखांजूर (छत्तीसगढ़)। दो साल पहले ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरूआत करने वाले किसान मंडल आज न केवल खुद बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं, साथ ही दूसरों किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा ब्लॉक के पी.व्ही.122 गाँव के रहने वाले किसान विद्युत मंडल ने ड्रैगन फ्रूट की फसल लगाई है। लगभग दो साल पहले विद्युत मंडल अपने रिश्तेदार के घर बांग्लादेश गए थे, वहां पर उन्होंने थाईलैंड से आए ड्रैगन फ्रूट को देखा, जिसकी कीमत भारतीय मुद्रा के हिसाब से 700 से 800 रुपए किलो थी।

किसान भारत मंडल ने भारत आकर ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के बारे में सोचा, इसके बाद थाईलैंड से बीज मंगवाकर अपने घर के पास ही लगभग 30 डिसमिल (0.3 एकड़) में ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरूआत की। वो बताते हैं, “मैंने बांग्लादेश में इसे पहली बार देखा था, तभी सोचा कि इसकी खेती करुंगा। जल्द ही मैं दो एकड़ में इसकी खेती करने वाला हूं। इस फसल से किसान सालाना एक प्रति एकड़ से तीन से पांच लाख रुपए मुनाफा कमा सकता है।”


खास बात ये है कि इस फ्रूट का पौधा बहु वर्षीय होता है। साथ ही इसकी टहनियां काटकर नए पौधे बनाए जाए सकते हैं। आमतौर पर 40 से 45 दिनों में पुष्प से फल तैयार हो जाता है। शुरूआती दौर में एक पौधे पर छह से 10 तक फल लगते हैं, बाद में इसकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ जाती है।

कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र,कांकेर के सह अध्यापक डॉ जीवन लाल नाग ड्रैगन फ्रूट की खेती के फायदों के बारे में बताते हैं, “ये एक ऐसी फसल है जिसके लिए ज्यादा धूप की भी जरूरत नहीं होती है और ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं होती है। इसे बिल्कुल आसानी से लगा सकते हैं, लेकिन मार्केट में यही चार-पांच सौ रुपए किलो तक बिकता है। ये बहुत ही पौष्टिक होता है, इसमें कार्बोहाइड्रेट 34 प्रतिशत होता है, वसा की मात्रा इसमें 0.4 प्रतिशत होता है। जो शुगर के रोगी होते हैं उनके लिए काफी फायदेमंद होता है। प्रोटीन की मात्रा इसमें 11 प्रतिशत होती है।”

गुलाबी रंग का स्वादिष्ट फल ड्रैगन फ्रूट सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट के गुण मौजूद होते हैं। इसके अलावा विटामिन सी, प्रोटीन और कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका फल कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल, कोशिकाओं और ह्रदय की सुरक्षा के साथ फाइबर से भरपूर होता है। इस फल का प्रयोग कई बीमारियों में लाभदायक माना गया है। 

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