ब्रोकली, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स, लेट्यूस जैसी विदेशी सब्जियों में ज्यादा मुनाफा, ICAR के वैज्ञानिक की सुनिए सलाह

ब्रोकली, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स, लेट्यूस ये सारी यूरोपियन सब्जियां हैं, इसलिए ये विदेशी सब्जियों में गिनी जाती हैं। ये काफी महंगी बिकती हैं। देखिए वीडियो

Arvind ShuklaArvind Shukla   17 Sep 2019 7:06 AM GMT

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पिछले कुछ सालों में लीक, लेटयूस, ब्रोकली, सेलरी, पार्सले, लेट्यूस जैसी एग्जॉटिक सब्जियों का मार्केट तेजी से बढ़ा है, ऐसे में किसान इन सब्जियों की खेती कर बढ़िया मुनाफा भी कमा सकता है। पहले ये सब्जियां विदेश से आती थी, लेकिन अब देश के कई राज्यों में किसान इनकी खेती करने लगे हैं।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के प्रधान वैज्ञानिक और सब्जी विशेषज्ञ डॉ. श्रीधर एग्जॉटिक सब्जियों के बारे में बताते हैं, " आजकल एक्जॉटिक सब्जियों के बारे में बहुत सुनते होंगे, एक्जॉटिक सब्जियां हैं जो बाहर देश में पैदा होती हैं और उनका बीज हमारे देश में आया है। जिसकी खेती आप कर सकते हैं, इसलिए हम उनको एक्जॉटिक या सब्जियां बोलते हैं, कुछ को आप जानते हैं कुछ को आप नहीं जानते हैं।"

होटलों और रेस्टोरेंट में विदेशी सलाद की मांग बढ़ने से किसानों के लिए बढ़े कमाई के अवसर

वो आगे बताते हैं, "आज हम आपको कुछ ऐसी ही सब्जियों के बारे में बता रहे हैं, इसमें एक ब्रोकली, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स, लेट्यूस है ये सारी यूरोपियन सब्जियां हैं, इसलिए ये विदेशी सब्जियों में गिनी जाती हैं, ये कई तरह की होती हैं, एक जो बंद गोभी की तरह होती है, जिसको हम हेक टाइट बोलते हैं, जिसकी पत्तियां नीचे से तोड़ी जाती है, और फिर इसका बंडल बनाकर इसे बाजार में बेचा जाता है। और धीरे-धीरे ये नीचे से ऊपर की तरफ बढ़ती है।"

Icar (पूसा) में एक विभाग है जहां वैज्ञानिक सिर्फ सब्जियों को लेकर काम करते हैं। किसान यहां से बीज और जानकारी दोनों ले सकते हैं।

इस समय 40 से अधिक विदेशी सब्जियों की खेती भारत में होने लगी है। सब्जियों की फसल एक महीने से लेकर 2-3 महीने में तैयार हो जाती है। यही नहीं एक ही खेत में चार-पाचं तरीक की सब्जियां उगा सकते हैं। इस बारे में डॉ. श्रीधर बताते हैं, "इसका आजकल बहुत चलन बढ़ गया है, ये सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती है, क्योंकि फाइबरयुक्त जो पत्तेदार सब्जियां होती हैं, वो काफी फायदेमंद होती हैं।"

विदेशी यानि एग्जॉटिक सब्जियों की खास बात ये भी होती है कि इन्हें भी गमलों में अपने प्रयोग के लिए उगाया जा सकता है। फोटो- अरविंद शुक्ला

ठंडे प्रदेशों में होता है इनका बीज उत्पादन

मैदानी क्षेत्रों में जो फसलें होती हैं, उनका बीज उत्पादन भी वहीं हो जाता है, लेकिन विदेशी सब्जियों का बिल्कुल अलग होता है। डॉ. श्रीधर कहते हैं, "इनके जो बीज हैं वो सारे ठंडे क्षेत्रों में ही बनते हैं, हिमालय क्षेत्र में इनका बीज उत्पादन अच्छा होता है। हमारे यहां जो मैदानी क्षेत्र में जो फसलें होती उनका बीज भी यहीं तैयार हो जाता है, जबकि विदेशी सब्जियों के साथ ये अलग है। इसका बीज गर्म क्षेत्रों में पैदा नहीं होता है, लेकिन उत्पादन अच्छा होता है।"

     

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