सुकमा (छत्तीसगढ़)। नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र के लोगों का बरसात के मौसम में गाँव से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता, लेकिन सीआरपीएफ के जवानों की मदद से इस बार वो गाँव से निकल पाएंगे।
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग अन्तर्गरत नक़्सल प्रभावित सुकमा जिले के छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर बसे गांव धर्मापेंटा में गुब्बल नाले पर ग्रामीणों को राहत दिलाने सीआरपीएफ के जवानों ने यहां बर्मा ब्रिज बनाया है। लोग इस ब्रिज से होकर आना-जाना कर सकेंगे।
सीआरपीएफ 217 बटालियन के कमांडेंट आनंद कुमार जेराई बताते हैं, “पिछले साल बारिश में किस्टाराम कैंप में तैनात एक जवान को जहरीले सांप ने डस लिया था। किसी तरह उसे एमपीवी से किस्टाराम से धर्मापेंटा लाया गया। गुब्बल नाला उफान पर होने से जवान को निकालने में फोर्स को काफी मशक्कत करनी पड़ी। दूसरी घटना में एक जवान के पिता का देहांत हो गया वह अंतिम संस्कार में शामिल नहीं पाया लेकिन उसे पिता की तेरहवीं में अपने गांव जाना था।”
बारिश के बीच उफनते नाले को बहुत मुश्किल से उस पार पहुंचाया गया। बारिश में ग्रामीणों को भी काफी दिक्कत होती थी। इससे निजात दिलाने उन्होंने बर्मा ब्रिज बनाने की सोची।
बारिश के दिनों में किस्टाराम इलाके के दो दर्जन से भी ज्यादा गांवों का संपर्क तेलंगाना से टूट जाते हैं। चुनाव होने के बाद सीआरपीएफ के कंपनी कमांडेंट रामजस यादव, धमेंद्र सिंह एवं जवानों की टीम को बर्मा ब्रिज बनाने की जिम्मेदारी दी।
वो आगे बताते हैं, “सात दिन की मेहनत के बाद रस्सी व बांस से बर्मा ब्रिज बनकर तैयार हुआ। ब्रिज की लम्बाई लगभग 190 फीट है इसमें सुरक्षा के लिए ब्रिज के ऊपर स्टील का रोप भी लगा हुआ। ब्रिज बनाने में लगभग 20 हजार रुपए की लागत आई है।”