UPI ऑटो पेमेंट लिमिट 15 हज़ार से हुई 1 लाख हुई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यूपीआई पेमेंट के नियमों में बदलाव किया है। यूपीआई यूजर्स 1 लाख रुपये तक ऑटो पेमेंट कर पाएंगे। पहले यह लिमिट 15 हज़ार रुपये थी। रबी के गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से एजूकेशन इंस्टीट्यूट और अस्पताल में यूपीआई पेमेंट लिमिट को बढ़ाने की तरफ इशारा किया गया है। इसे एक लाख रुपये से बढ़ाकर पाँच लाख रुपये किया जा सकता है। ऐसे में इलाज और पढ़ाई के दौरान ऑनलाइन पेमेंट करने में आसानी हो जाएगी।
हरियाणा के किसानों को 100 रूपये में नैनो यूरिया
हरियाणा में कृषि विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश में एक लाख भूमि पर नैनो यूरिया छिड़काव का लक्ष्य रखा है। स्कीम के तहत बाज़ार में 220 रुपये कीमत पर मिलने वाला नैनो यूरिया किसानों को 100 रुपये में मिलेगा। इतना ही नहीं किसान के खेत में ड्रोन और अन्य माध्यम से छिड़काव का प्रबंध सरकार करेगी। कृषि विभाग के निर्देश ने सभी जिला उपनिदेशकों को अपने-अपने जिले में नैनो यूरिया छिड़काव के लिए टारगेट दिए हैं, ताकि खेती-बाड़ी में दानेदार खाद का इस्तेमाल कम किया जा सके।
गोरखपुर में भी ‘लेक क्वीन क्रूज ‘ सेवा शुरू
बनारस के बाद गोरखपुर में भी ‘लेक क्वीन क्रूज ‘ सेवा शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका उद्घाटन किया।
इस क्रूज को तैयार करने में स्थानीय मज़दूरों का सहयोग लिया गया है। क्रूज में पाँच सितारा होटल जैसी सुविधाएं विकसित की गईं हैं. ‘लेक क्वीन’ पर शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजन मिलेंगे। 2700 वर्गफीट के क्षेत्रफल वाले क्रूज पर तीन तल बनाए गए हैं। इसके अलावा एक वेटिंग प्लेटफार्म भी है। क्रूज पर 150 लोगों की क्षमता के तीन हाल और 15 लोगों की क्षमता का एक अति विशिष्ट कक्ष बनाया है। एक ट्रिप में दो घण्टे तक क्रूज पर सवारी का आनंद उठाया जा सकेगा।
‘इथेनॉल के लिए गन्ने के रस पर प्रतिबंध सही नहीं : ISMA ‘
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA ) ने कहा है कि गन्ने के रस से इथेनॉल के उत्पादन पर केंद्र सरकार द्वारा बैन लगाए जाने से चीनी मिलों को नुकसान हो सकता है। एसोसिएशन के मुताबिक केंद्र के इस फैसले से कम से कम 33 उन चीनी मिलों पर बुरा असर पड़ने की संभावना है, जिन्होंने इथेनॉल बनाने के लिए गन्ने को प्रोसेस्ड करने के लिए स्टैंडअलोन डिस्टिलरीज बनाई हैं। ISMA की माने तो पिछले तीन साल के दौरान इस क्षेत्र में15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जो अब ख़तरे में है।
बांग्लादेश में 10 देशों से आएगा प्याज
बांग्लादेश ने प्याज की कमी को देखते हुए व्यापारियों को कम से कम दस देशों से प्याज आयात करने की इजाज़त दे दी है।
प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध के कारण बांग्लादेश को दूसरे देशों से प्याज का आयात करना पड़ रहा है। बांग्लादेश ने चालू वित्त वर्ष में 2 मिलियन टन से अधिक के आयात परमिट के मुकाबले 7 लाख टन से अधिक प्याज का आयात किया है, जिसमें सिर्फ भारत से ही 6 लाख टन प्याज का आय़ात किया गया है।
पंजाब में गेंहूँ की फसल में रोग से किसान परेशान
पंजाब के मुक्तसर में इन दिनों किसान काफी परेशान हैं क्योंकि हाल ही में बोई गई गेहूँ पर यहा तना छेदक कीट का प्रकोप देखा रहा है। इसके कारण यहाँ बड़े पैमाने में गेंहूँ की फसल प्रभावित हुई है। यहाँ के कुछ किसानों का कहना है कि तना छेदक कीटों के प्रकोप के कारण उनके गेंहूँ की पौधे पीले हो रहे हैं। इसके चलते उनकी अनाज की उपज और गुणवत्ता दोनों ही प्रभावित हो रही है। पीड़ित किसानों ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने खेतों में खेती करने के लिए पैसे खर्च किए पर अब पूरा नुकसान हो गया है।
मछलियों का बन रहा है पहचान कार्ड
उत्तर प्रदेश में पहचान कार्ड वाली मछलियाँ ही गंगा नदी में छोड़ी जा रही हैं। जिस तरह से इंसानों का आधार कार्ड बनता है उसी तरह से मछलियों की पहचान के लिए उनका कार्ड बनाया जा रहा है। लखनऊ में मत्स्कीय अनुसंधान में इंसानों की तरह मछलियों के आधार संबंधी जानकारी के लिए व्यवस्था की गई है। इसके जरिए यह जानकारी मिल पाती है कि मछली किस नदी की है। सरकार के मुताबिक कानपुर के गंगा बैराज स्थित अटल घाट से एक लाख मछलियों के बच्चों को गंगा नदी में छोड़ा गया है।
ठंड में गुलाब पर विशेष ध्यान देने की सलाह
कृषि वैज्ञानिकों ने ठंड में गुलाब पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है। गुलाब की खेती करने वाले किसानों को सलाह दी गई है कि वो इससे जुड़ी बीमारियों की रोकथाम के लिए ख़ास इंतजाम करें। कटाई छंटाई और उचित दूरी जैसी कल्चरल (कृषि) से लेकर कवकनाशी और कीटनाशकों का सही उपयोग करना चाहिए। इस मौसम में एफिड संक्रमण, ख़स्ता फफूंदी और कला धब्बा जैसे रोग लग सकते हैं। ऐसे में दूसरे कीटनाशकों के अलावा नीम का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
कपास की खेती में ये करें उपाय नहीं होगा नुकसान
राजस्थान और हरियाणा जैसे कई राज्यों में गुलाबी सुंडी ने कपास की खेती बर्बाद कर किया है। कई दूसरे रोगों और कीटों की वजह से भी कपास किसानों को अक्सर नुकसान उठाना पड़ता है। विशेषज्ञों ने कहा है कि ऐसे में किसान कपास की देसी प्रजाति की बुवाई करके नुकसान से बच सकते हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि देसी कपास की प्रजाति ‘गोसिपियम आरबोरियम’ कपास की पत्ती मोड़ने वाले वायरस रोग से सुरक्षित है। साथ ही कीटों और बीमारियों के प्रभाव को सहन कर सकती हैं।
हिमाचल में आज बारिश-बर्फबारी के आसार
हिमाचल में आज बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। मैदानी इलाकों में घना कोहरा छाया हैं और विजिबिलिटी 100 मीटर पहुंच गई हैं। पर्यटकों को गर्म कपड़े लाने की एडवाइजरी जारी की गई है। शिमला में सुबह से ही आसमान में हल्के बादल छाए हुए हैं। वहीं, मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना जिले के कई क्षेत्रों में सुबह के वक्त घना कोहरा था। विजिबिलिटी 100 मीटर से भी कम होने से गाड़ी चालकों को परेशानी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की माने तो आज दोपहर बाद और रात में पारा नीचे जा सकता है और ठंडी हवाएं चलेंगी।