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ऐसे करें असली और नकली शहद की पहचान

#Baat pate ki

लखनऊ। बाजार में कई कंपनियों के शहद मिलते हैं, शहद को लेकर हमेशा लोग परेशान रहते हैं कि कैसे असली या नकली शहद की पहचान करें। बात पते के इस भाग में मधुमक्खी पालक विशेषज्ञ निमित कुमार सिंह असली और नकली शहद की पहचान के बारे में बता रहे हैं।

निमित बताते हैं, “शहद में असली और नकली पहचानना बहुत मुश्किल होता है आज के समय में, क्योंकि असली और नकली शहद के बारे में पुराने समय से ही जो चला आ रहा कि शहद असली है या नकली कैसे पहचानना है, कई लोग बोलते हैं कि शहद को आंख में लगा लिया जाए और आंख में पानी न आए तो शहद असली है या फिर शहद को पानी में डालते हैं वो नीचे जाकर बैठ जाता है तो शहद असली है नहीं बैठता तो नकली है।”

शहद में ये भी निर्भर करता है कि शहद कौन से फूल का है, अगर हमारा लंबे समय का होता है तो शहद गाढ़ा होता है, और अगर फूल कम समय का होता है तो शहद पतला होता है।

वो आगे कहते हैं, “ये बात तो वो हुई जो हमारे पूर्वज मानते आए हैं, लेकिन असली नकली शहद पहचानने के लिए लैब होता है, जहां पर पता चल सकता है की शहद की क्वालिटी क्या है, लेकिन मेरे हिसाब से इसे जानने का एक सिंपल सा मेथड है, इसके लिए शहद को किसी पारदर्शी ग्लास में डालते हैं, इसमें शहद नीचे जाकर बैठ जाएगा उसके बाद वो डिजाल्व होना शुरू हो जाएगा। जब वो डिजाल्व होगा तो वो धीरे-धीरे डिजाल्व हो जाएगा, तो ये असली शहद की पहचान है अगर नहीं डिजाल्व होता तो कभी कभी पतला शहद होता है। जो जंगल का शहद होता है जो सारंग मधुमक्खियों का शहद होता है, उसका शहद पतला होता है, तो उसका मतलब ये नहीं कि वो शहद नकली हो गया, क्योंकि सारंग मधुमक्खी का शहद पतला ही होता है।” 

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