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किसान बोले- कर्ज़माफी का फैसला अच्छा, फसल का उचित मूल्य भी दिलाए उद्धव सरकार

#Maharashtra

वर्धा (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र में शेतकरी (किसान) का 2 लाख रुपए तक का कर्ज़ा माफ कर दिया है। इस योजना का नाम महात्मा ज्योतिराव फुले शेतकरी कर्जमुक्ति योजना 2019 दिया गया है। जिसके हर किसान का 2 लाख रुपए तक का फसली लोन माफ किया जाएगा।

गांव कनेक्शन ने कर्जमाफी के ऐलान के बाद प्रदेश के कई जिलों में किसानों से बात की। ज्यादातर किसानों ने कहा कि कर्ज़माफी बहुत जरूरी थी लेकिन अच्छा होता कि 2 लाख की जगह राहत थोड़ी और होनी चाहिए थे। किसानों ने कर्ज़माफी के साथ ही गठबंधन सरकार से उनकी फसलों के उचित दाम दिलाने की मांग की।

वर्धा के एक गांव के किसान सूरज काम्बले ने कहा कि “मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। हमारे आसपास के ज्यादातर छोटे काश्तकार हैं। जिन्होंने 2 लाख तक कर्ज लिए हैं उनको फ़ायदा मिलेगा। हालांकि सूरज काम्बले को इस कर्जमाफी का लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि सरकार ने 30 सितंबर 2019 से पहले की तारीख तय की है, जबकि उनका लोन इसके बाद का है।

पिछले कुछ वर्षों से सबसे ज्यादा प्रभावित मराठवाड़ा के किसान हैं। मराठवाड़ा में 4 साल के सूखे और 2019 में अतिवृष्टि के चलते किसानों को भारी नुकसान हुआ है। जिसके बाद यहां लगातार किसान आत्महत्या की ख़बरें आ रही हैं।

मराठवाड़ा के उस्मानाबाद जिले में उमरगा तालुका में भुयार चिंचोली गांव के किसान अशोक पवार कहते हैं कि कर्ज़मुक्ति से किसानों के सिर से बोझ उतरकर कंधे पर आ जाने से राहत हो गई है। मेरे पूरे परिवार को इससे फायदा होगा। दो लाख का कर्ज़ माफ होने के साथ ही राष्ट्रीय आपदा के तहत 8 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की राशि मिल रही है, इससे किसानों को नई फसल के लिए भी राहत मिलेगी।” अशोक पवार ने इस फैसले के लिए महाविकास अगाड़ी सरकार को धन्यवाद भी किया।”

वर्धा जिले के पांडुरंग भानुदास कांबले को 2017 में बीजेपी सरकार की कर्ज़माफी योजना का लाभ नहीं मिल पाया था। बीजेपी सरकार ने शिवाजी महराज शेतकरी सन्मान योजना 2017 के तहत 36000 करोड़ रुपए की फसली लोन माफी योजना चलाई थी। ये योजना आनलाइन थी।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा में शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन कर्ज़मुक्ति योजना का ऐलान किया। इससे कई करोड़ किसानों को फायदा होने की उम्मीद है। फोटो- अरविंद शुक्ला

गांव कनेक्शन से बात करते हुए पांडुरंग कांबले कहते हैं, “पिछली बार (बीजेपी सरकार) में कई तरह के ऑनलाइन आवेदन करने पड़ते थे बहुत दिक्कत होती थी। लेकिन उद्धव ठाकरे ने पैसा सीधे खाते में डालने का एलान किया है। ये अच्छी बात है।”

कर्ज़मुक्ति योजना में पांडुरंग कांबले का सवा लाख रुपया माफ़ हो रहा है। पांडुरंग कांबले कहते हैं कि उद्धव ठाकरे को फसलों के उचित दाम भी देने चहिए। सही दाम न मिलने के कारण की किसान कर्ज के बोझ में दब जाता है।

वर्धा के किसान किशोर इंगोले भी बैंक खाते में पैसा डाले जाने से की प्रक्रिया से खुश हैं। वो कहते हैं “पहले सूखा और इस बार भारी बारिश के चलते फसलों का काफी नुकसान हो गया था, इसलिए कर्ज़ माफी बहुत जरूरी थी। लेकिन उद्धव ठाकरे सरकार को चाहिए कि किसानों को फसलों को उचित मूल्य भी दिलाए ताकि कर्ज़माफी की जरुरत न पड़े। फसल अच्छी कीमतों पर बिकेगी तो किसान सब कर लेगा।”

किसान मोइनुद्दीन के ऊपर करीब 9 लाख रुपए कर्ज़ है वो कहते हैं, सरकार ने सिर्फ दो लाख रुपए माफ किया है। जबकि लाखों किसानों के ऊपर इससे कहीं ज्यादा का कर्ज़ है। सरकार को चाहिए था कि कम से कम 3-4 लाख रुपए तो माफ ही करती।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया थी परेशान

बहुत से किसानों का कहना है कि कर्जमाफी की ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में बहुत परेशानी होती है। किसान आदमी अगर दिन भर आवेदन ही ऑनलाइन करवाएगा तो खेतों में काम कौन करेगा। इसे कई कई बार चक्कर लगाने पड़ते थे।

फसलों का मिले उचित दाम।

किसानों ने कहा कि उन्हें फसल का लाभकारी मूल्य भी दिलाया जाना चाहिए। इस बार किसान के प्याज का उदाहरण देते हुए किसान राजू ने कहा कि सोयाबीन, प्याज, ज्वारी आदि उचित मूल्य मिल जाए तो वो कर्ज़ भी भर देंगे और मुनाफा भी मिल जाएगा। युवा किसान और ग्राम समिति के कार्यकर्ता किशोर इंगोले भी उनसे इत्तेफाक रखते हैं वो कहते हैं, किसान का प्याज 5 से 20 रुपए किलो में बिका लेकिन बाजार में 200 रुपए किलो तक बिका है। इसका फायदा किसानों को नहीं मिला, सरकार को चाहिए कि ऐसी व्यवस्था करे किसान को सीधे फायदा होगा। वर्ना जमाखोर फायदा उठाते हैं। 

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