एमपी बोर्ड ने डेढ़ हजार से भी अधिक छात्रों का रिजल्ट रोका, पीपीटी का फार्म भरने से चूके

एमपी बोर्ड ने डेढ़ हजार से भी अधिक परीक्षार्थियों का रिजल्ट रोक दिया। इस कारण कई छात्र पीपीटी का फार्म नहीं भर पाए। नाराज छात्रों ने स्कूलों में तालाबंदी कर दी। आनन-फानन में स्थानीय अधिकारियों ने भोपाल तक फोन घुमा डाला लेकिन अब तक नतीजा नहीं निकल सका है।

Sachin Tulsa tripathiSachin Tulsa tripathi   24 July 2020 5:00 AM GMT

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  • विंध्य के 472 छात्र-छात्राएं प्रभावित
  • सतना में दिखी नाराजगी, स्कूलों में तालाबंदी

सतना (मध्य प्रदेश)। "रिजल्ट न आने के कारण स्कूल में तालाबंदी कर दिया। सुबह ही ताला लगा दिया था। प्राचार्य ने कहा कि यहां से पूरी कार्रवाई कर चुके हैं ऊपर से रिजल्ट नहीं आया तो हमारी क्या गलती है, हम क्या करें। पीपीटी का फॉर्म भरना था, नहीं भर पाये।"

यह कहना है कक्षा दसवीं के छात्र सौरभ त्रिपाठी का। वह सतना जिले के रामपुर बाघेलान जनपद में आने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटर के छात्र हैं। विंध्य के रीवा संभाग की बात करें तो यहां के कुल 4 सौ 72 परीक्षार्थियों का रिजल्ट रोका गया है। इसमें 4 सौ 61 नियमित और 11 स्वाध्यायी प्राइवेट है, जिसमें छात्र-छात्राओं की संख्या 236-236 है। इस क्रम में माध्यमिक शिक्षा मंडल के आंकड़ों के अनुसार सतना जिले के 3 सौ 36 परीक्षार्थियों के परिणाम रोके गए हैं। इनमें 3 सौ 32 नियमित और मात्र 4 स्वाध्यायी हैं। छात्रों की संख्या 1 सौ 71 और छात्राओं की 165 है।

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यहां के छात्र अनुराग शुक्ला कहते हैं, "हम अपने रिजल्ट को लेकर परेशान हैं। एमपी बोर्ड का रिजल्ट 4.7.2020 को आ चुका है लेकिन कोटर हायर सेकेंडरी का नहीं आया। बताया जा रहा है कि जहां कापियां चेक होती हैं वहीं से गड़बड़ी है।"

इसी स्कूल के विकास पांडेय कहते है कि एमपी बोर्ड दसवीं बोर्ड का रिजल्ट तो आया है पर हमारे विद्यालय का नहीं आया। आवेदन दे रहे हैं टीचर कहते हैं कि इधर जाओ, उधर जाओ, अब हम क्या करें??

इस बारे में गांव कनेक्शन ने कोटर विद्यालय के प्राचार्य रमेश कुमार शर्मा से भी बात की। वे कहते हैं, "हमारे यहां से पूरी प्रक्रिया पूर्ण कर लिए गए हैं। रिजल्ट और जो भी डाक्यूमेंट थे वह समन्वय संस्था सतना को भेज दिया गया है। अब हम स्वयं परेशान हैं कि हमारे विद्यालय का रिजल्ट नहीं आया है। विद्यार्थी परेशान हैं। अब माध्यमिक शिक्षा मंडल को व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से बताया है। टेलीफोन पर भी चर्चा की है" ।

छात्र उत्कर्ष पांडेय ने मोबाइल पर बताया कि रिजल्ट नहीं आया। आगे पीपीटी (प्री-पॉलिटेक्निक टेस्ट) का फॉर्म भरना था। हम लोग नहीं भर पायें। एडमिशन भी नहीं होगा, हम परेशान हैं।

सतना के जिला शिक्षा अधिकारी कमल सिंह कुशवाहा से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी वह नए हैं। इस संबंध में जानकारी लेकर ही कुछ बताएंगे, हालांकि अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक (आरएमएसए) गिरीश अग्निहोत्री ने कहा, "कोटर विद्यालय के परीक्षाफल को लेकर नियंत्रक माध्यमिक शिक्षा मंडल से पत्राचार किया गया है। जल्द ही निराकरण होगा"।

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माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल ने 4 जुलाई 2020 को हाईस्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए, लेकिन डेढ़ हजार से भी अधिक परीक्षार्थियों का रोक दिया। बोर्ड ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनके अनुसार प्रदेशभर के 1 हजार 6 सौ 79 परीक्षार्थियों के परिणाम रोके गए हैं। इसमें नियमित के 1 हजार 4 सौ 44 और स्वाध्यायी के 2 सौ 35 हैं। छात्रों की संख्या 9 सौ 70 है जबकि छात्राओं की 7 सौ 9 है।

पीपीटी यानी प्री-पॉलिटेक्निक टेस्ट, यह परीक्षा हर साल मध्यप्रदेश प्रोफेसनल बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है। परीक्षा के ज़रिए प्रदेश के 51 पॉलीटेक्निक कालेजो में दाखिला दिया जाता है। इसके लिए दसवीं पास होना आवश्यक होता है।

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