रायपुर का पंडरी बाजार: कभी यहां रहती थी ग्राहकों की भीड़, आज सूनसान पड़ा है

रायपुर के पंडरी बाजार में रायपुर ही नहीं दूसरे जिलों से भी लोग खरीददारी करने आते थे, लेकिन आज सब सूनसान पड़ा है, क्योंकि ग्राहक ही नहीं आ रहे हैं।

Jinendra ParakhJinendra Parakh   1 July 2020 6:54 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo

रायपुर (छत्तीसगढ़)। कभी देर रात तक गुलजार रहने वाली पंडरी बाजार के दुकानदार इस समय ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं, आज पूरा बाजार सूनसान पड़ा है, इससे दुकानदारों के लिए घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बस स्टैंड बाजार पंडरी बाजार के नाम से मशहूर है, पहले लॉकडाउन से दुकान ही नहीं खुल पायी और अब जब लॉकडाउन खत्म हुआ तो दुकानदारों को दिन भर खाली बैठना पड़ता है। दुकानदारों का कहना है कि दुकान खोलने के बाद भी 15 -20 दिन से एक भी ग्राहक नहीं आए हैं, इन दुकानों में कपड़े, जूता-चप्पल, बैग आदि मिलते हैं लेकिन अब खरीददार बाजार से पूरी तरह से नदारद हैं।

दूकानदार धनी राम साहू का कहते हैं, "जब से लॉक डाउन हुआ हैं बस सेवा बंद हैं और दुकान खोलने के बावजूद भी 15 दिन से बोहनी नहीं हुई है। बहुत उम्मीद से दुकान खोलते हैं लेकिन निराशा ही होती हैं। आज सभी की भूखे मरने की स्थिति हैं, कर्जा लेकर घर चल रहे हैं। 30 साल से इस जगह व्यवसाय कर रहा हूं, लेकिन हमने आज तक इतना बुरे दिन नहीं देखे थे।"


हर दिन सुबह तीस से ज्यादा दुकानदार ग्राहकों के आने में उम्मीद में दुकान खोलकर बैठते हैं, कमाई तो दूर की बात है एक रुपए की बोहनी भी नहीं होती है।

दुकानदार अब्दुल कादिर बताते हैं, "लॉक डाउन खुल तो गया है लेकिन व्यवसाय पूरी तरह से जीरो है। दुकान खोलना या नहीं खोलना एक सामान हैं।

"सुबह 7 बजे आते हैं लेकिन बोहनी तक मुश्किल से होती है। व्यापारी से हम माल ले चुके हैं और डिस्ट्रीब्यूटर को पहले पैसे पुरे देने होते हैं, लेकिन बिक्री नहीं हो रही है। दिन भर में सिर्फ एक चप्पल मुश्किल से बिकती हैं 100 रुपये में। हम सब के लिए यह बहुत बुरा समय हैं पता नहीं इससे कैसे उबरेंगे, "दुकान के सामने ग्राहकों इंतजार करते दुकान दार संजय रॉय कहते हैं।

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन के चलते पाली के पान किसानों को लग गया लाखों का चूना


     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.