स्वच्छता का संदेश दे रहे प्राथमिक शाला के बच्चों का वीडियो हा रहा वायरल

प्लास्टिक प्रदूषण: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के कसैया प्राथमिक शाला के बच्चे डांस, गाना और मस्ती के बीच प्लास्टिक मुक्त करने के लिए अलख जगा रहे हैं। जिसमें बच्चे गाने और नाटक के माध्यम से प्लास्टिक बंद का संदेश देते हुए दिखायी दे रहे हैं

Tameshwar SinhaTameshwar Sinha   9 Oct 2019 6:47 AM GMT

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रायगढ़ (छत्तीसगढ़)। पिछले कई दिनों से छत्तीसगढ़ के एक प्राथमिक विद्यालय के बच्चों का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बच्चे गाने और नाटक के माध्यम से प्लास्टिक बंद का संदेश देते हुए दिखायी दे रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के कसैया प्राथमिक शाला के बच्चे डांस, गाना और मस्ती के बीच प्लास्टिक मुक्त करने के लिए अलख जगा रहे हैं। डांस और गाने के बीच लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि प्लास्टिक पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा बड़ा कारण है।

बच्चो को डांस के लिए तैयार करने में स्कूल की शिक्षिका सपना एक्का ने खास मेहनत किया। वो बताती हैं, "मैं साल 2012 से ही स्कूल को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हूं, यहां के बच्चे बहुत झिझकते थे, बात नहीं करते थे। उनको आगे बढ़ाने के लिए हमने बहुत प्रयास किए, अब ये बच्चे तुरंत जवाब देते हैं और कोई भी काम दिया जाए तो बड़ी खुशी से करते हैं।"

इसके अलावा स्वच्छता व प्लास्टिक मुक्त करने का संदेश देने का प्रयास नगर पंचायत उपाध्यक्ष कविता शर्मा का है। उपाध्यक्ष कविता शर्मा वर्ष 2016 में कसैया स्कूल को अब्दुल कलाम गुणवत्ता शिक्षा अभियान के तहत गोद लिया था। वो बताती हैं, "आदिवासी क्षेत्र जहां से ये बच्चे आते हैं, शायद ही वहां पर किसी की नजर पड़ती हो, अब फेसबुक और व्हाट्सएप पर इन बच्चों का वीडियो वायरल हो रहा है। ये यही संदेश दे रहे हैं कि सभी प्लास्टिक बंद करें। हर व्यक्ति इनका संदेश समझे, जब बच्चे ऐसी बातें समझ रहे हैं और बच्चे हर जो बात समझते हैं, उसको कर के भी दिखाते हैं।"

वो आगे कहती हैं, "ये स्कूल साल 2016 में मुझे दिया गया था तो यहां के बच्चे बात नहीं करते थे, लेकिन अब ये देखकर खुशी महसूस होती है और टीचरों की मेहनत पर गर्व भी होता है। कि ये बच्चे आज स्टेट लेवल पर कई पुरस्कार जीत चुके हैं।

स्कूल प्रबंधन की ओर से इसका वीडियो भी सोसल मीडिया में वायरल किया गया है। लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को लेकर स्कूल के प्राथमिक शाला के बच्चों का दो वीडियो बनाया गया है। एक वीडियो में छह बच्चों ने डांस की प्रस्तुति दी है। इसमें बच्चे गाना और डांस के माध्यम से यह बता रहे हैं कि प्लास्टिक से नालियां जाम होती है, जो लोगों में बीमारी फैलने का कारण है। इसके अलावा जहां-तहां बिखरे प्लास्टिक को खाने से मवेशियों की भी असमय मौत होती है। साथ ही प्लास्टिक पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहा हैं। इससे प्लास्टिक के अपेक्षा कपड़े का थैला उपयोग में लाने का संदेश दिया जा रहा है। वहीं दूसरे वीडियो में बच्चे स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। इस वीडियो के माध्यम से आसपास सफाई रखे जाने की बात कही जा रही है।

सिंगल यूज प्लास्टिक सिर्फ इंसानों और पर्यावरण के लिए ही नहीं पशुओं के लिए भी घातक है। सड़कों पर बिखरे प्लास्टिक को खाकर छुट्टा गाय, भैंस और कुत्ते बीमार होते हैं। कई बार इन पशुओं के पेट से किलो के हिसाब से प्लास्टिक निकलता है। वहीं समुद्र में फैल रहे प्लास्टिक कचरे से समुद्र के जीव और मछलियां प्रभावित हो रहे हैं। एक अध्य्यन के मुताबिक प्लास्टिक का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा महासागरों में फैला हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देश में प्रतिदिन लगभग 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। इसमें महज 20 फीसदी ही रिसाइकिल हो पाता है। वहीं 39 फीसदी प्लास्टिक कचरे को जमीन के अंदर दबाकर नष्ट करने की कोशिश होती है जबकि 15 फीसदी को जला दिया जाता है।

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