माधवपुर, मेरठ(उत्तर प्रदेश)। ड्राइविंग सीट पर एक लड़की को देखकर अब अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में सुरक्षित महसूस करते हैं, ये हैं मेरठ की पहली महिला वैन ड्राइवर पूजा यादव जो, स्कूल वैन चलाने के साथ ही अपनी खुद की भी पढ़ाई पूरी कर रही हैं।
मेरठ मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर माधवपुरम की रहने वाली पूजा यादव मेरठ की पहली ड्राइवर हैं। जो पिछले तीन साल से स्कूल वैन चला रही हैं। पूजा ने 12वीं कक्षा में ही गाड़ी का स्टेयरिंग हाथों में थाम ली थी। पूजा बताती हैं, “मेरे पिता सुरेश यादव सेना से रिटायर हैं और वह स्कूल में ऑटो चलाते थे, बीमारी के कारण कुछ दिन ऑटो नहीं चला पाए उसके बाद मैंने अपने पिताजी का कुछ दिन ऑटो चलाया उसके बाद मुझे ड्राइविंग आ गई मैंने फिर पीछे मुड़कर नहीं। अब अभिभावक भी मेरे साथ अपने बच्चों को स्कूल भेजने में सुरक्षित महसूस करते हैं।”
आज वह अपनी पढ़ाई के साथ साथ इस काम को भी बखूबी निभा रही हैं। पूजा इस समय बीए फाइनल इयर में हैं। वो कहती हैं, “मैं सुबह बच्चों को उनके घर से लेकर स्कूल तक छोड़ती हूं, उसके बाद वहीं से सीधे अपने कॉलेज चली जाती हूं, कॉलेज के बाद फिर बच्चों को घर छोड़ती हूं। मेरे साथ बच्चे और उनके अभिभावक बहुत सेफ महसूस करते हैं। मुझे आगे आर्मी जॉइन करनी है उसके लिए मैं मेहनत करती हूं एनसीसी भी मैंने ज्वाइन किए जिसमें मेरा प्रथम रैंक आया है।” पूजा अपनी तीन बहनों में से सबसे छोटी हैं।
पूजा यादव के पिता सुरेश यादव बताते हैं कि पूजा को बचपन से ड्राइविंग करने का शौक है और उस जिद पर पूजा को हमने गाड़ी खरीद कर दी और आज पूजा पिछले तीन सालों से वैन चालक हैं जोकि उन्हें मेरठ की कई संस्था ने भी सम्मानित किया है।
पूजा यादव बताती हैं की माहौल को देखते हुए जिन परिवार की बच्चियां स्कूल आती हैं वह कहती हैं कि हमें हमारी बेटियां सुरक्षित स्कूल जाती हैं और आती हैं। क्योंकि हमारी बेटी जैसी ही पूजा यादव ड्राइवर हैं जो उन्हें लाने ले जाने का काम करती हैं हमें कोई संकोच नहीं है और बहुत अच्छा है कि हमारी बच्चियां सुरक्षित हैं।
पूजा यादव के पिता सुरेश यादव को बेटा ने होने का मलाल था लेकिन पूजा ने बेटा होने का फर्ज पूरा कर दिया और मेरी बेटी कंधे से कंधा मिलाकर हमारे साथ चलती हैं। वो कहते हैं, “मुझे गर्व है अपनी बेटी पर की वह इस काम को बखूबी निभा रही हैं मेरी बेटी किसी लड़के से कम नहीं।”